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मेरे बिना मामले को टालने की हुई मांग… वकील हरीश साल्वे के सुप्रीम कोर्ट में जताई आपत्ति

वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के अनुमति के बिना एक मामले में उनकी ओर से टालने की मांग की गई. जिसे कोर्ट ने उस मामले को टाल दिया. हरीश साल्वे ने गुरुवार को इस बारे में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है. उन्होंने कहा कि बुधवार को उनका हवाला देते हुए मामले को टाल दिया गया था. जबकि उन्हें इस बाबत कोई भी सूचना नहीं दी गई.

हरीश साल्वे की ओर से वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह ने जस्टिस एएस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच को बताया कि यह इस तरह का पहला मामला नहीं है और पहले भी ऐसा हो चुका है. वकील अपराजिता ने बेंच को बताया कि साल्वे ने मुझसे बेंच को अवगत कराने का अनुरोध किया है कि उन्हें मामला टालने की मांग के बारे में बिल्कुल भी सूचित नहीं किया गया था.

यह वकील के लिए भी अनुचित है- वकील अपराजिता

अपराजिता ने कोर्ट में कहा कि यह आपके समक्ष बहुत ही अनुचित हुआ है और यह वकील के लिए भी अनुचित है. उन्हें बिल्कुल भी सूचित नहीं किया गया है और यह पहला ऐसा मामला नहीं है. बुधवार को एक मामले में पेश हुए एक वकील द्वारा यह कहते हुए मामले को टालने की मांग की गई कि वरिष्ठ अधिवक्ता साल्वे, जिन्हें इस मामले में पेश होना था. वह उपस्थित नहीं हो सकेंगे और बेंच ने तब आपत्ति भी जताई थी.

तब कोर्ट ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा था कि मामला टालने की मांग करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं का नाम लेने का चलन बढ़ रहा है. वहीं, इसको लेकर सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे हैरान हैं उन्हें नहीं पता कि उनका नाम लेकर मामला टालने की मांग की गई.

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