पीएम मोदी गुयाना दौरे पर हैं. उन्होंने गुरुवार को गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम ने कहा, गुयाना ने मुझे कल ही सर्वोच्च सम्मान दिया है. मैं इसके लिए गुयाना के हर नागरिक का आभार व्यक्त करता हूं. यहां के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत धन्यवाद. ये सम्मान मैं भारत के नागरिकों को समर्पित करता हूं. भारत और गुयाना दोनों लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं. लोकतंत्र हमारे डीएनए में है. ऐसा बहुत कम होता है जब आप किसी दूसरे देश में जाएं और वहां का इतिहास आपको अपने देश जैसा लगे. भारत और गुयाना दोनों ने एक जैसी गुलामी देखी है. आजादी की लड़ाई में यहां और भारत दोनों जगह कितने लोगों ने अपनी जान कुर्बानी दी. हमने गुलामी से मुक्ति की लड़ाई मिलकर लड़ी और आजादी पाई.
पीएम मोदी ने कहा, आज मैं 140 करोड़ भारतवासियों की ओर से आपका अभिनंदन करता हूं. गुयाना में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास दुनिया को मजबूत कर रहा है. जब भारत और गुयाना आजाद हुए थे, तब दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं. आज अलग चुनौतियां हैं. दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनीं व्यवस्थाएं और संस्थाएं ध्वस्त हो रही हैं. दुनिया को जिस ओर बढ़ना था, उससे अलग ही दिशा में उलझी हुई है.
‘डेमोक्रेसी फर्स्ट और ह्यूमैनिटी फर्स्ट’ सबसे बड़ा मंत्र
पीएम मोदी ने कहा कि ‘डेमोक्रेसी फर्स्ट और ह्यूमैनिटी फर्स्ट’ आज विश्व के आगे बढ़ने का सबसे बड़ा मंत्र है. जब हम इसको आधार बनाते हैं तो नतीजे मानवता का हित करने वाले होते हैं.डेमोक्रेसी फर्स्ट की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो. ह्यूमैनिटी फर्स्ट की भावना हमारे फैसलों की दिशा तय करती है. जब ह्यूमैनिटी फर्स्ट को फैसलों का आधार बनाते हैं तो नतीजे भी मानवता के हित करने वाले होते हैं. डेमोक्रेसी फर्स्ट की भावना हमें सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो की सीख देती है.
विश्व कल्याण के लिए डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं
पीएम मोदी ने कहा, विश्व और मानवता के कल्याण के लिए डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं है. डेमोक्रेसी नागरिकों के उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है. ये एक कानून नहीं है. हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे डीएनए में है. हमारे विजन और व्यवहार में है. जब विश्व को एकजुट करने की बात आई तब भारत ने जी20 की अपनी अध्यक्षता में दुनिया को ‘वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर’ का संदेश दिया. जब कोरोना का संकट आया, तब भारत ने वन अर्थ, वन हेल्थ का संदेश दिया.
गुयाना की संसद से दुनिया को संदेश
गुयाना की संसद से पीएम मोदी ने दुनिया को संदेश दिया. उन्होंने कहा, दुनिया के लिए यह समय संघर्ष का नहीं है. यह समय संघर्ष पैदा करने वाली कंडिशंस को पहचानने और उनको दूर करने का है. आज टेररिज्म, ड्रग्स, साइबर क्राइम जैसी चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे.
हम संसाधनों को हड़पने की भावना से हमेशा दूर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा किहम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े. हम संसाधनों पर कब्जे की, उनको हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं. आज भारत हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है. भारत शांति के पक्ष में खड़ा है. इसी भावना के साथ आज भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बना है.