हिंदुस्तान ने सिर्फ मारा ही नहीं, मज़ाक भी उड़ाया…पाकिस्तान के नाम संदेश में बोले शहबाज शरीफ

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्र को संबोधित करते किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने सिर्फ हमला नहीं किया, बल्कि पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजाक भी उड़ाया. हमने जांच में सहयोग की बात भी कही, इसके बावजूद भारत ने देश पर हमला किया. शहबाज शरीफ ने कहा, हिंदुस्तान के 80 जहाजों ने हमला किया. जिस तरह से ये हमला किया है, उसे याद रखा जाएगा. दुनिया के तमाम देशों से मेरी बात हुई. मैंने दुनिया को बताया कि पहलगाम हमले से पाकिस्तान का कोई लेना-देना नहीं है लेकिन भारत ने हमारी बात कबूल नहीं की.

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शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कहा कि वह जिस दिन तुर्की के दौरे पर थे, उसी दिन पहलगाम में हमला हुआ. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है. शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग बनाने की पेशकश की और कहा कि पाकिस्तान हर स्तर पर इस जांच में सहयोग करेगा. लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव को नजरअंदाज कर दिया और यहां तक कि एक मित्र देश के समर्थन के बावजूद उस देश के राजदूत को तलब कर डांट भी लगाई.

हमले के इनपुट पर बोले शहबाज

पाक प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि उन्हें लगातार इनपुट मिल रहे थे कि भारत जल्द ही पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है. इसीलिए उन्होंने कहा कि वे पाकिस्तान की 24 करोड़ जनता और संसद को यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि पाकिस्तान की फौज हर परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार थी. हालांकि इस हमले पर भारत ने कहा कि उन्होंने सिर्फ आतंकी संगठनों को ही निशाना बनाया.

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं

वहीं दूसरी तरफ भारत ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. सेना ने कहा है कि यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ है और इसे तब तक जारी रखा जाएगा जब तक पाकिस्तान की जमीन से भारत के खिलाफ आतंक की साजिशें बंद नहीं होतीं. भारत ने नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर दुनिया को यह संदेश दिया है कि अब आतंकवाद पर केवल बयानबाज़ी नहीं होगी, ठोस कार्रवाई की जाएगी.

आतंकियों के ढांचे तबाह

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने शहबाज शरीफ के बयानों और पाकिस्तानी सेना के तेवरों को पहले ही भांप लिया था. यही कारण है कि उसने बिना किसी घोषणा के, सटीक और सीमित सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. इससे एक तरफ आतंकियों के ढांचे को नुकसान पहुंचा, तो दूसरी ओर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ा.

अब कंफ्यूज हो गया पाकिस्तान

भारत की इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से भी घेरा है. न सिर्फ अमेरिका, बल्कि कई अन्य देशों ने भारत के आत्मरक्षात्मक अधिकार का कहीं न कहीं इशारे का सहारे समर्थन दिया है. वहीं, पाकिस्तान अब तक यह तय नहीं कर पा रहा है कि वह जवाब दे या चुप रहे. शहबाज शरीफ का संबोधन इस असमंजस और दबाव का ही प्रमाण है, जिसमें उन्होंने खुद ही यह मान लिया कि भारत ने सिर्फ मारा ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान का मजाक भी बना दिया है.

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