इजरायल पर प्रेशर बनाए भारत…’, ईरान की इंडिया से गुजारिश, PAK के लिए कही ये बात 

भारत में ईरान के उप-राजदूत मोहम्मद जवाद हुसैनी ने इजरायल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए भारत से इज़रायल की खुलेआम निंदा करने और उस पर प्रेशर बनाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े और शांति समर्थक देश, जो वैश्विक दक्षिण की आवाज़ हैं उन्हें इज़रायल की आलोचना कर अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए.

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मोहम्मद जवाद हुसैनी ने कहा कि अगर इज़रायल के अक्टूबर में हमास के खिलाफ शुरू किए गए हमलों के दौरान ही वैश्विक स्तर पर निंदा की गई होती, तो वह कभी भी ईरान जैसे संप्रभु देश पर हमला करने की हिम्मत नहीं करता.

IAEA की भूमिका पर उठाए सवाल

हुसैनी ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि IAEA ने खुद कहा था कि ईरान की ओर से कोई सैन्य परमाणु गतिविधि नहीं चल रही है. फिर भी उन्होंने इज़रायल का पक्ष लेते हुए ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को समर्थन दिया. इससे IAEA की साख पर सवाल उठे हैं.

‘हमें परमाणु हथियारों की जरूरत नहीं’

हुसैनी ने स्पष्ट कहा कि ईरान की रक्षा नीति में परमाणु हथियारों का कोई स्थान नहीं है और देश को अपनी सुरक्षा के लिए इनकी आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार हमारी रक्षा नीति का हिस्सा नहीं हैं. हम अपनी सुरक्षा खुद कर सकते हैं, हमें परमाणु हथियारों की जरूरत नहीं है. जो आरोप लगाए जा रहे हैं कि ईरान यूरेनियम को हथियारों के लिए संवर्धित कर रहा है, वे पूरी तरह से झूठे हैं. उन्होंने आगे कहा कि ये आरोप असल में एक और एजेंडे को साधने की कोशिश हैं. साथ ही कहा कि अब तो ये लोग खुलकर शासन परिवर्तन (Regime Change) की बात कर रहे हैं, लगता है यही उनका असली मकसद है.

एक पत्रकार के सवाल पर कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख की अमेरिका यात्रा के बाद यूएस क्या पाकिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल करेगा? इस पर हुसैनी ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान ऐसे किसी कदम में शामिल नहीं होगा और इज़रायली हमलों के खिलाफ ईरान का साथ देगा.

ईरान की गोपनीय क्षमताओं की चेतावनी

हुसैनी ने कहा कि हमारे पास कुछ ऐसी क्षमताएं हैं जो अब तक सामने नहीं आई हैं. हमने उन्हें भविष्य के लिए बचाकर रखा है. इसलिए बेहतर होगा कि कोई इस क्षेत्र को खतरे में डालने की कोशिश न करे.

 

 

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