टैरिफ विवाद के बीच भारत बंद करेगा अमेरिका के लिए डाक सेवाएं, 25 अगस्त से लागू होगा नया नियम

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद का सीधा असर अब डाक सेवाओं पर देखने को मिलेगा। भारतीय डाक विभाग ने घोषणा की है कि 25 अगस्त से अमेरिका के लिए अधिकांश डाक सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। इसमें पार्सल, रजिस्टर्ड पोस्ट और एक्सप्रेस मेल जैसी कई अहम सेवाएं शामिल होंगी। इस फैसले का असर न केवल व्यापारिक गतिविधियों पर पड़ेगा बल्कि बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोगों पर भी होगा, जो नियमित रूप से अमेरिका में अपने परिजनों को पार्सल और चिट्ठियां भेजते हैं।

जानकारी के अनुसार, हाल ही में अमेरिका ने भारत से आने वाले कई सामानों पर टैरिफ बढ़ाया था। इसके जवाब में भारत ने भी आयात शुल्क बढ़ाने का कदम उठाया। यही विवाद अब डाक सेवाओं पर भी दिखने लगा है। डाक विभाग का कहना है कि बढ़े हुए शुल्क और प्रशासनिक जटिलताओं के कारण अमेरिका के लिए पारंपरिक डाक सेवाओं को जारी रखना फिलहाल संभव नहीं है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में खटास को और बढ़ा सकता है। अमेरिका भारतीय दवाइयों, आईटी सेवाओं और वस्त्रों का बड़ा बाजार है। वहीं, भारत अमेरिकी तकनीक और मशीनरी का आयात करता है। ऐसे में डाक सेवाओं का बंद होना छोटे व्यापारियों, स्टार्टअप्स और व्यक्तिगत स्तर पर सामान भेजने वालों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा।

भारतीय डाक विभाग ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका के लिए केवल चुनिंदा कूरियर और लॉजिस्टिक चैनल ही सक्रिय रहेंगे, लेकिन उनकी कीमतें ज्यादा होंगी। इसका मतलब है कि आम उपभोक्ताओं को पार्सल भेजने पर अधिक खर्च करना पड़ेगा।

वहीं, अमेरिका में बसे भारतीय मूल के लोग इस फैसले को लेकर चिंता जता रहे हैं। उनका कहना है कि पारिवारिक स्तर पर दवाइयां, कपड़े और अन्य सामान भेजना अब मुश्किल हो जाएगा।

केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं कि अगर व्यापारिक स्तर पर समाधान निकलता है तो डाक सेवाएं दोबारा शुरू की जा सकती हैं। लेकिन फिलहाल 25 अगस्त से नए नियम लागू हो जाएंगे और तब तक स्थिति जस की तस रहेगी।

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