ऑस्ट्रेलिया में 10 लाख घर बनाएगा भारत! रियल एस्टेट सेक्टर को क्या फायदा?

भारतीय सरकार एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया में 10 लाख घर बनाए जाएंगे. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस मेगा प्रोजेक्ट को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत पर चल रही है, उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इस योजना को आर्थिक मदद देने के लिए भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भी संपर्क साधा है.

यह प्रोजेक्ट न सिर्फ भारत की वैश्विक मौजूदगी को मजबूत करेगा, बल्कि ऑस्ट्रेलिया में बढ़ते रियल एस्टेट की मांग को भी पूरा करने में मदद करेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में घरों की डिमांड और सप्लाई के बीच तालमेल नहीं है, जिसकी वजह से वहां घरों की कीमतें बहुत ज़्यादा हैं.

भारतीय कंपनियों के लिए बड़ा मौका
भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा गेम-चेंजर साबित हो सकती है, यह प्रोजेक्ट न केवल भारत की वैश्विक पहुंच को बढ़ाएगा, बल्कि भारतीय रियल एस्टेट और निर्माण कंपनियों के लिए नए और विशाल अवसर खोलेगा.

ऑस्ट्रेलिया में इस समय घरों की मांग और आपूर्ति (demand and supply) में भारी असंतुलन है, जिसके कारण वहां घरों की कीमतें आसमान छू रही हैं. यह मुद्दा हाल के राष्ट्रीय चुनावों में भी एक बड़ा विषय था, ऐसे में भारत द्वारा बड़े पैमाने पर घरों का निर्माण करना, इस समस्या को हल करने में मददगार साबित होगा. भारतीय रियल एस्टेट कंपनियां, जो अपनी विशेषज्ञता और अनुभव के लिए जानी जाती हैं, इस मौके का भरपूर लाभ उठा सकती हैं, यह उन्हें विदेशी बाज़ारों में अपनी पहचान बनाने और अपने काम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का मौका देगा.

भारतीय कंपनियों के लिए संभावित फायदे
यह प्रोजेक्ट भारतीय कंपनियों को घरेलू बाजार से बाहर निकलकर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काम करने का मौका देगा, इससे उनका बिज़नेस पोर्टफोलियो मजबूत होगा. 10 लाख घरों का निर्माण एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है, जो भारतीय कंपनियों के लिए भारी राजस्व और लाभ का जरिया बनेगा. विदेशी बाजारों में काम करने से भारतीय कंपनियों को नई निर्माण तकनीकों और वैश्विक मानकों को सीखने का अवसर मिलेगा.

इस प्रोजेक्ट से भारत में आर्किटेक्ट, इंजीनियर, और निर्माण श्रमिकों के लिए नए रोजगार पैदा होंगे, जो भारत की अर्थव्यवस्था को भी गति देंगे, यह सौदा न केवल भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर को भी एक नई दिशा देगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी भारतीय कंपनियां इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट का हिस्सा बनती हैं और कैसे वे इस अवसर का लाभ उठाती हैं.

पीयूष गोयल ने कहा है- ‘ऑस्ट्रेलिया में 10 लाख घर बनाने को लेकर अपने साथी से बातचीत कर रहा हूं. ऑस्ट्रेलिया में 10 लाख घर बनाने का काम कम से कम 500 अरब डॉलर का मौका है’. हांलाकि उन्होंने इस प्रोजेक्ट के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दी है, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया में घर कहां बनेंगे, ऑस्ट्रेलिया की सरकार इस पर कितना खर्च करेगी या इसमें भारत की क्या भूमिका होगी. गोयल ने बताया कि भारत यह प्रस्ताव दे रहा है कि भारतीय मजदूरों को ऑस्ट्रेलिया भेजा जाए, जहां उन्हें स्थानीय मानकों के हिसाब से घर बनाने की जरूरी ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर वही लोग इन घरों का निर्माण करेंगे.

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