स्वदेशी तकनीक से भारत विकसित करेगा 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान, सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास यह क्षमता

हैदराबाद: हाल ही में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने भारत के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू मल्टीरोल फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के डिजाइन और विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दे दी है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के तहत एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इस कार्यक्रम को क्रियान्वित करने और विमान को डिजाइन करने के लिए नोडल एजेंसी होगी. इसका निर्माण सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की ओर से किया जाएगा. यह विमान भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर देगा जिनके पास अपने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं.

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स्टील्थ AMCA की विशेषताएं: : 25 टन का ट्विन-इंजन विमान, जो भारतीय वायु सेना के अन्य लड़ाकू विमानों से बड़ा होगा. इस विमान में दुश्मन के रडार की ओर से पता लगाने से बचने के लिए उन्नत स्टील्थ विशेषताएं होंगी. एडीए में एएमसीए के परियोजना निदेशक डॉ. कृष्ण राजेंद्र नीली ने कहा कि यह विमान विश्व स्तर पर इस्तेमाल किए जा रहे पांचवीं पीढ़ी के अन्य स्टील्थ लड़ाकू विमानों के बराबर या उनसे भी बेहतर होगा. डॉ. नीली ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एलसीए (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस) परियोजना के विकास को देखते हुए, जो एक समकालीन लड़ाकू विमान है, यह विमान (एएमसीए) दुनिया के अन्य स्टील्थ लड़ाकू विमानों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा.

ईंधन और हथियार: विमान में 6.5 टन क्षमता का एक बड़ा, छुपा हुआ आंतरिक ईंधन टैंक होगा, और इसमें कई तरह के हथियार रखे जा सकेंगे, जिनमें स्वदेशी हथियार भी शामिल हैं.

इंजन: AMCA Mk1 वैरिएंट में 90 किलोन्यूटन (kN) वर्ग का US-निर्मित GE414 इंजन होगा, जबकि अधिक उन्नत AMCA Mk2 अधिक शक्तिशाली 110kN इंजन पर उड़ान भरेगा, जिसे DRDO के गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टेब्लिशमेंट (GTRE) द्वारा एक विदेशी रक्षा प्रमुख के सहयोग से स्वदेशी रूप से विकसित किया जाएगा. लड़ाकू विमान इंजन के विकास के लिए रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए भारत फ्रांस के सफ्रान एसए के साथ बातचीत कर रहा है, जो विमान इंजन और संबंधित उपकरणों के दुनिया के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है.

इंजन में वायु प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए डायवर्टरलेस सुपरसोनिक इनलेट और रडार उत्सर्जन से इंजनों को बचाने के लिए सर्पेन्टाइन एयर इनटेक डक्ट जैसी अन्य विशेषताएं AMCA का हिस्सा होने की संभावना है.

एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) क्यों खास है : एएमसीए को विकसित करने के लिए चर्चा 2007 में शुरू हुई थी. शुरुआती योजना रूस के साथ मिलकर पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (FGFA) कार्यक्रम के तहत विमान विकसित करने की थी. हालांकि, भारत ने 2018 में FGFA परियोजना से खुद को अलग कर लिया.

एएमसीए भारत का स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा. स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस 4.5 पीढ़ी का सिंगल इंजन वाला मल्टीरोल विमान है. पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को मौजूदा चौथी पीढ़ी के विमानों से अलग करने वाली मुख्य बात इसकी स्टील्थ विशेषताएं हैं. विमान में कम इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक सिग्नेचर होगा, जिससे दुश्मन के रडार के लिए इसे पहचानना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही, इसमें शक्तिशाली सेंसर और नए हथियार होंगे, इसलिए यह दुश्मन के विमानों के सिग्नेचर को रजिस्टर करने और उन्हें मार गिराने में सक्षम है.

एडीए में पूर्व एएमसीए परियोजना निदेशक डॉ ए के घोष ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा कि चौथी पीढ़ी के विमान को आमतौर पर इन स्टील्थ विशेषताओं के लिए डिजाइन या कॉन्फिगर नहीं किया जाता है, भले ही बाद में कुछ विशेषताएं जोड़ी जा सकती हैं. लेकिन इससे भी यह पूरी तरह से पांचवीं पीढ़ी का विमान नहीं बन पाएगा.

आंतरिक हथियार बे और एक बड़ा आंतरिक ईंधन टैंक जैसी स्टील्थ विशेषताएं एएमसीए जैसे पांचवीं पीढ़ी के विमानों का हिस्सा हैं. आंतरिक हथियार बे में चार लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और कई सटीक-निर्देशित युद्ध सामग्री ले जाई जा सकती हैं, जिसका पेलोड 1,500 किलोग्राम है.

बाहरी ईंधन टैंक और बाहरी रूप से जुड़े हथियार इस विमान को और घातक बना देगा. विमान की सतह पर इस्तेमाल की जाने वाली विशेष सामग्री इसे रडार की पकड़ में आने से रोक लेगा. एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू विमान के लिए अधिक उपयोग समय और छोटी सेवाक्षमता या रखरखाव अवधि सुनिश्चित करना होगा. कई संरचनात्मक घटकों पर नजर रखने और वास्तविक समय में विमान की स्थिति का आकलन करने के लिए एक व्यापक एकीकृत वाहन स्वास्थ्य प्रबंधन (आईवीएचएम) प्रणाली को शामिल करने से इसमें मदद मिलेगी.

एडीए को उम्मीद है कि विमान की पहली उड़ान साढ़े चार से पांच साल में होगी. विमान के पूर्ण विकास में अब से लगभग 10 साल लगने की उम्मीद है. एचएएल की ओर से विमान का निर्माण शुरू करने से पहले पांच प्रोटोटाइप बनाए जाएंगे. विमान के निर्माण में निजी उद्योग के भी शामिल होने की उम्मीद है.

पांचवीं पीढ़ी के अन्य लड़ाकू विमान : केवल कुछ ही देशों ने पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान बनाए हैं. वर्तमान में सेवा में मौजूद विमानों की सूची में अमेरिका के F-22 रैप्टर और F-35A लाइटनिंग II, चीनी J-20 माइटी ड्रैगन और रूसी सुखोई Su-57 शामिल हैं. भारतीय वायुसेना ने संकेत दिया है कि उसे शुरुआत में AMCA के सात स्क्वाड्रन की आवश्यकता है। भारतीय वायुसेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, LCA और AMCA के अतिरिक्त स्क्वाड्रनों की योजनाबद्ध प्रेरण एक दशक में स्वीकृत स्क्वाड्रन की संख्या में वृद्धि नहीं करेगी.

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