Indian Army में एक लाख से ज्यादा जवानों की कमी, सीमा पर तैनाती चुनौतीपूर्ण

भारतीय सेना में अधिकारियों की 17% और सैनिकों की लगभग 8% कमी है. सेना में एक लाख से अधिक सैनिकों की कमी है. रक्षा मंत्रालय ने संसद की स्थायी समिति को यह जानकारी दी है. ये कमी पूरा करना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसका असर दोनों पड़ोसी मुल्कों की सीमा पर सैनिकों की तैनाती पर पड़ेगा.

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सेना की स्थिति

कुल ताकत: 12 लाख 48 हजार

सैनिकों की कमी: 1 लाख से अधिक

अधिकारियों की कमी: 17%

सैनिकों की कमी: लगभग 8%

LOC और LAC पर तैनाती के कारण यह कमी और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है. एलएसी पर 50 हजार से अधिक सैनिक तैनात हैं, जबकि जम्मू में आतंकवादी घटनाओं के बाद 15 हजार अतिरिक्त सैनिक तैनात किए गए हैं. सेना अपनी तैनाती को पुनर्गठित कर रही है और आवश्यकता वाले क्षेत्रों में सैनिकों को भेज रही है.

कितने सैनिक और अधिकारी चाहिए?

संसद की स्थायी समिति को रक्षा मंत्रालय द्वारा सूचित किया गया कि भारतीय सेना में अधिकारियों की वर्तमान संख्या 42,095 है (1 जुलाई 2024 तक). जबकि स्वीकृत संख्या 50,538 है. यानी सेना में 16.71% अधिकारियों की कमी है. जेसीओ और एनसीओ की संख्या 1,105,110 है (1 अक्टूबर 2024 तक). जबकि स्वीकृत संख्या 1,197,520 है. इसका मतलब है कि 92,410 सैनिकों की कमी है, जो लगभग 7.72% है.

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत सैनिकों की कमी दूर होगी. अधिकारियों की कमी के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं. चयन प्रक्रिया में सुधार किया गया है, जैसे कि एसएसबी की तारीख की याद दिलाना. दूसरी बार मौका देना. दस्तावेज़ अपलोड करने की सुविधा भी शुरू की गई है. मेडिकल प्रक्रिया को 2-3 दिनों में पूरा किया जा रहा है.

कोविड की वजह से आई कमी

कोविड महामारी के कारण सैनिकों की भर्ती में दो साल का अंतराल आया, जिससे सैनिकों की कमी हो गई. हर साल लगभग 60 हजार सैनिक सेवानिवृत्त होते हैं. कोविड के दो वर्षों में लगभग 1 लाख 20 हजार सैनिक सेवानिवृत्त हुए. 2022 से अग्निपथ योजना शुरू की गई, जिसके तहत पहले और दूसरे वर्ष में 40-40 हजार अग्निवीरों की भर्ती की गई. हालांकि, इन दो वर्षों में 1 लाख से अधिक सैनिक सेवानिवृत्त हो गए, जिससे सैनिकों की कमी और बढ़ गई.

अधिकारी पदों की पूर्ति के लिए कदम

– रक्षा मंत्रालय ने समयबद्ध तरीके से अधिकारी पदों की रिक्तियों को भरने की योजना बनाई है.
– हर साल पदों की रिक्तियों के अनुसार भर्तियां की जाती हैं.
– यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग: अधिकारियों की ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई में यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग खोला गया है, जो सैनिकों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा.
– टेक्निकल एंट्री स्कीम (10+2 टीईएस): 3+1 वर्ष के मॉडल पर तकनीकी प्रविष्टि योजना को मंजूरी दी गई है, जिससे प्रशिक्षण समय में एक वर्ष की कमी आएगी. अधिकारियों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.
– चयन प्रक्रिया में सुधार: चयन प्रक्रिया में सुधार के परिणामस्वरूप प्री-कमीशनिंग प्रशिक्षण के लिए प्रवेश की दर में वृद्धि हुई है.

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