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‘बाहर यात्रा करने से बचें भारतीय नागरिक’, बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बाद भारत ने जारी की एडवाइजरी

सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश के प्रमुख शहरों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं जिसमें अभी तक 6 लोगों की मौत हो गई है. बढ़ती अशांति को देखते हुए ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने वहां रह रहे अपने नागिरकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि बढ़ती हिंसा की वजह से वहां रह रहे लोग घर से बाहर निकलने से बचें और आवाजाही कम करें.

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क्या है एडवाइजरी में

यह सलाह देश के कुछ हिस्सों में चल रही हिंसा के मद्देनजर जारी की गई है और नागरिकों की सहायता के लिए उच्चायोग ने 24 घंटे की सेवा वाले कुछ आपातकालीन संपर्क नंबर भी जारी कर दिए हैं. एडवाइजरी में कहा गया है, “बांग्लादेश के ताजा हालातों को देखते हुए, भारतीय समुदाय के सदस्यों और बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय छात्रों को यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है.’ लोगों से कहा गया है कि जब तक जरूरी ना हो, तब तक वह अपने घर के अंदर ही रहें. इसमें कहा गया है, “किसी भी तरह की तात्कालिकता या जरूरत महसूस होने पर, कृपया उच्चायोग और हमारे सहायक उच्चायोगों से संपर्क करें.”

आरक्षण की वजह से सुलगी आग

आपको बता दें कि बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. हजारों छात्र सड़कों पर उतरकर आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं. आरक्षण के खिलाफ जारी इस प्रदर्शन ने अब हिंसक रूप ले लिया है. पुलिस के साथ झड़प में 6 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल बताए जा रहे हैं. हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि ढाका सहित बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों में स्कूल-कॉलेज और मदरसे बंद करने पड़े हैं.

प्रदर्शनकारियों ने चार महत्वपूर्ण शहरों मध्य ढाका, उत्तर पश्चिम राजशाही, दक्षिण पश्चिम खुलना और चट्टोग्राम में राजमार्ग और रेल मार्ग बाधित किये. ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रथम और द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए एक सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई है. छात्रों की मांग है कि मौजूदा आरक्षण प्रणाली में सुधार करते हुए प्रतिभा के आधार पर सीटें भरी जाएं.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे सोमवार को ढाका और उसके बाहरी इलाकों में दो सरकारी विश्वविद्यालयों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, तभी उन पर सत्तारूढ़ पार्टी के छात्र कार्यकर्ताओं ने लाठी, पत्थर व चाकू आदि से हमला कर दिया.

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