नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और विरोध प्रदर्शनों के बीच सरगुजा जिले के पांच युवक फंस गए थे। ये सभी अंबिकापुर से नेपाल घूमने और पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन के लिए गए थे। वहां अचानक तख्तापलट और हिंसक घटनाओं के चलते हालात बिगड़ गए, जिसके कारण वे भारत नहीं लौट पा रहे थे। इस स्थिति की जानकारी मिलते ही प्रदेश सरकार ने विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा और तुरंत मदद की अपील की।
पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मामले की जानकारी दी और भारतीय दूतावास से समन्वय स्थापित कराया। दूतावास ने तत्काल कार्रवाई करते हुए युवकों की लोकेशन ट्रेस करवाई और उन्हें सुरक्षित रास्ते से भारत की सीमा तक पहुंचाया। सभी पांच युवक सुरक्षित वापस लौट आए हैं और परिजनों से मिल चुके हैं।
परिजनों का कहना है कि जिस समय वे नेपाल में थे, वहां स्थिति बेहद तनावपूर्ण थी। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन और आगजनी हो रही थी। ऐसे हालात में उनका मनोबल टूट चुका था, लेकिन भारतीय दूतावास और सरकार की त्वरित कार्रवाई से वे सुरक्षित निकल पाए।
प्रदेश सरकार ने राहत की सांस लेते हुए युवकों की वापसी की पुष्टि की है। साथ ही यह भी कहा गया कि विदेश में फंसे किसी भी भारतीय की मदद के लिए भारतीय दूतावास हमेशा सक्रिय रहता है और इस बार भी उसने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है।
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि संकट के समय सरकार और दूतावास मिलकर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। नेपाल में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं, लेकिन सरगुजा के युवकों की वापसी से उनके परिवार खुश और निश्चिंत हैं।