भारत और फ्रांस के बीच आज भारतीय नौसेना के लिए फाइटर जेट खरीदने का सौदा पूरा हुआ. करीब 64,000 करोड़ रुपये की इस डील के तहत फ्रांस भारत को 26 राफेल मरीन विमान देगा. इनमें से 22 सिंगल सीटर और 4 ट्वीन सीटर ट्रेनिंग वर्जन होंगे. एक वर्चुअल इवेंट में इस पैक्ट पर मुहर लगाई गई. भारत विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनाती के लिए फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डसॉल्ट एविएशन से ये जेट विमान खरीद रहा है. इस इवेंट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.
पांच साल बाद होगी जेट विमानों की डिलीवरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) द्वारा खरीद को मंजूरी दिए जाने के तीन हफ्ते बाद इस बड़े सौदे पर मुहर लगी. शर्तों के मुताबिक, डील पर साइन होने के लगभग पांच साल बाद जेट विमानों की डिलीवरी शुरू होगी. जुलाई 2023 में रक्षा मंत्रालय ने कई दौर के विचार-विमर्श और प्लेटफॉर्म के इवैल्यूऐशन टेस्ट के बाद इस सौदे के लिए मंजूरी दी थी. इसके तहत भारतीय नौसेना को राफेल (मरीन) जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन से हथियार प्रणाली और स्पेयर पार्ट्स भी मिलेंगे. ये भारत के लिए समुद्री सीमा की सुरक्षा करने के मामले में गेमचेंजर साबित होगा.
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है. इसके बाद से भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने राजनयिक और व्यापारिक संबंधों पर विराम लगा दिया. हाल ही में, भारतीय नौसेना ने बढ़ते तनाव के बीच अपने स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को भी अरब सागर में तैनात कर दिया. इससे पता चलता है कि आने वाले समय में भारत किसी भी संभावित चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.