भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर तनाव बना हुआ है. इस बीच, व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत की एक बार फिर आलोचना करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. नवारो का कहना है कि भारत के टैरिफ की वजह से अमेरिकी नौकरियों पर संकट आया है.
नवारो का ये बयान तब आया है, जब हाल ही में अमेरिकी रोजगार रिपोर्ट में भारी गिरावट आई है. अगस्त में नॉन-एग्री सेक्टर के कर्मचारियों की संख्या में सिर्फ 22,000 की ग्रोथ हुई है, जो जुलाई के 79,000 से काफी कम है. वहीं बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3% हो गई, जो 2021 के बाद से सबसे ज्यादा है.
एक्सपर्ट्स इस मंदी का कारण राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापार शुल्क, प्रतिबंधों और नीतिगत अनिश्चितताओं को मान रहे हैं, जिनकी वजह से रोजगार में गिरावट आई है. लेकिन ट्रंप के सहयोगी इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
ट्रंप के सहयोगी ने लगाए गंभीर आरोप
नवारो ने कहा कि भारत रूसी कच्चे तेल पर छूट से लाभ कमा रहा है और टैरिफ लगा रहा है, जिससे अमेरिका की नौकरियां जा रही हैं. नवारो ने गंभीर आरोप लगाते हुए यहां तक कह दिया कि भारत रूसी तेल केवल रूस की युद्ध मशीन को चलाने के लिए खरीदता है और भारत पर यूक्रेन में मास्को के युद्ध को इनडायरेक्ट तरीके से सपोर्ट करता है.
नवारों ने एक्स पर लिखा, ‘ फैक्ट- भारत में सबसे ज्यादा टैरिफ के कारण अमेरिकी नौकरियां खत्म हो रही हैं. भारत रूसी तेल सिर्फ मुनाफे के लिए खरीदता है. राजस्व रूसी रूसी युद्ध मशीन को फंडिंग करता है. अमेरिकी टैक्सपेयर्स को ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है.
पहले भी की है भारत की आलोचना
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार मामलों के वरिष्ठ सलाहकार नवारो रूस के साथ व्यापार जारी रखने के लिए भारत की आलोचना करते रहे हैं. इससे पहले उन्होंने रूस और यूक्रेन युद्ध को ‘मोदी का युद्ध’ बताया था, देश को ‘क्रेमलिन का लॉन्ड्रोमैट’ कहा था और आरोप लगाया था कि भारत रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रही है.
नवारो के बयान भ्रामक और गलत
नवारो की यह टिप्पणी भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा उनके पिछले बयानों को खारिज करने के तुरंत बाद आई है. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में उन्हें ‘गलत और भ्रामक बयान’ करार दिया. जयसवाल ने कहा कि हमने नवारो द्वारा दिए गए गलत और भ्रामक बयानों को देखा है और जाहिर है कि हम उसे अस्वीकार करते हैं.