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दुबई में पार्किंग को लेकर भिड़े हिंदुस्तानी-पाकिस्तानी, कोर्ट ने एक को देश से निकाला!

दुबई एक ऐसा देश है, जो सख्त कानूनों के लिए जाना जाता है और दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में गिना जाता है. वहीं, दुबई के अनोखे कानून भी हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जब मामूली से पार्किंग झगड़े के चलते दो प्रवासियों को दुबई के सख्त कानूनों का सामना करना पड़ा, जिसमें एक को देश छोड़कर जाना पड़ा.

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पार्किंग का झगडा बना बड़ी सजा का कारण

गल्फ न्यूज के मुताबिक, यह मामला पिछले साल 8 फरवरी का है, जब दुबई के टेलकॉम इलाके में पार्किंग को लेकर दो लोगों के बीच मामूली बहस इतनी बढ़ गई कि वह मारपीट में तब्दील हो गई. अदालत ने इसी मामले में पाकिस्तानी बुजुर्ग को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है. सजा पूरी होने के बाद उन्हें देश से बाहर निकाले जाने का भी आदेश दिया गया है.

कैसे हुआ विवाद?

जानकारी के मुताबिक, 70 साल के पाकिस्तानी शख्स ने वह पार्किंग स्पॉट हथिया लिया, जिसे 34 साल का भारतीय शख्स इस्तेमाल करना चाहता था. बात इतनी गरमा गई कि गुस्से में पाकिस्तानी बुजुर्ग ने भारतीय व्यक्ति को जोर से धक्का दे दिया.

भारतीय शख्स का संतुलन बिगड़ा और वह जमीन पर गिर गया. मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय व्यक्ति के बाएं पैर की टिबिया (हड्डी) में फ्रैक्चर हुआ, जिससे नसों को नुकसान पहुंचा और मांसपेशियों में सूजन आ गई. इस चोट की वजह से उसके पैर की 50 प्रतिशत कार्यक्षमता खत्म हो गई, यानी उसके पैरों में डिसेबिलिटी हो गई.

बदले में भारतीय ने भी किया हमला

इस घटना के बाद भारतीय शख्स ने भी जवाबी हमला किया और बुजुर्ग पाकिस्तानी व्यक्ति के सिर पर चोट पहुंचाई. इसका असर ऐसा हुआ कि पाकिस्तानी शख्स करीब 20 दिनों तक अपने रोजमर्रा के काम करने में असमर्थ रहा.

जांच में क्या सामने आया?

घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को हिरासत में ले लिया. कोर्ट में दोनों पक्षों की मेडिकल रिपोर्ट, फॉरेंसिक सबूत और गवाहों के बयान पेश किए गए. पाकिस्तानी बुजुर्ग ने स्वीकार किया कि उन्होंने धक्का दिया था, लेकिन उन्होंने खुद को उकसाने का आरोप लगाया

कोर्ट का फैसला
दुबई की क्रिमिनल कोर्ट ने 70 वर्षीय पाकिस्तानी व्यक्ति को शारीरिक जुर्म में दोषी ठहराते हुए तीन महीने की सजा सुनाई. इसके अलावा, सज़ा पूरी होते ही उन्हें दुबई से निर्वासित किया जाएगा. वहीं भारतीय शख्स के खिलाफ मामला किसी और अदालत को भेज दिया गया, जहां उनके खिलाफ कम गंभीर आरोपों पर सुनवाई की जाएगी.

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