बांग्लादेश के दिनाजपुर में हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय की किडनैपिंग के बाद हत्या कर दी गई. इसे लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से साफ तौर पर कहा है कि वह देश में हिंदू समेत सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा कि हम बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और निर्मम हत्या की खबर से बेहद व्यथित हैं. ये घटना अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे व्यवस्थित उत्पीड़न की एक और कड़ी है. उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बहाने बनाए बिना सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करे. यह कोई पहली घटना नहीं है, पहले भी ऐसे मामलों के अपराधी खुले घूमते रहे हैं.
भाबेश की अगवा कर हत्या की गई
बता दें कि भावेश चंद्र रॉय बांग्लादेश के उत्तर क्षेत्र में रहते थे, गुरुवार रात वह मृत पाए गए. उनकी पत्नी ने बताया कि उन्हें शाम 4:30 बजे एक कॉल आया था, जिसके बाद आधे घंटे के भीतर कुछ लोग उन्हें जबरन घर से उठा ले गए. बाद में उन्हें नराबारी गांव ले जाकर बेरहमी से पीटा गया. कुछ समय बाद जब उन्हें बेहोशी की हालत में वापस घर छोड़ा गया, तब पड़ोसियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस अब तक आरोपी तक नहीं पहुंच पाई है.
कौन थे भाबेश चंद्र रॉय?
बता दें कि भाबेश चंद्र रॉय बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष और क्षेत्र में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता थे. डेली स्टार ने बिराल पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अब्दुस सबूर के हवाले से बताया कि मामला दर्ज करने की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए काम कर रही है.
अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर भारत सख्त
पिछले साल ढाका एयरपोर्ट पर एक हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद भी भारत ने बांग्लादेश को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चेताया था. अब भारत ने एक बार फिर दोहराया है कि अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को मीडिया की ‘बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई बात’ कहकर टाला नहीं जा सकता.