PAK की जेब भरने वाले वर्ल्ड बैंक को भारत की दो टूक, हम मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकते

पाकिस्तान और भारत के बीच पहलगाम हमले के बाद तनाव बढ़ हुआ है. भारत लगातार पाकिस्तान को सबक सिखा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर में कहा था कि हर आतंकी हमले की कीमत पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी. इसी के चलते अब भारत ने पाकिस्तान की जेब भरने वाले वर्ल्ड बैंक को करारा जवाब दिया है.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, Financial Action Task Force (FATF) में पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के मद्देनजर वित्तीय मदद बंद करने का मुद्दा अब भारत उठाएगा. इसी के साथ भारत ने वर्ल्ड बैंक को भी दो टूक जवाब दिया है.

PAK को ग्र लिस्ट में डालने का अनुरोध

केंद्र सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने शुक्रवार को कहा कि भारत वैश्विक वित्तीय अपराध निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) पर दबाव डालेगा कि वह कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में डाले.

दरअसल, पाकिस्तान को 2022 में FATF की ग्रे लिस्ट से हटा दिया गया था. सरकारी सूत्र ने कहा कि भारत दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच नए सिरे से तनाव के बीच पाकिस्तान के लिए आगामी विश्व बैंक फंडिंग का भी पुरजोर विरोध करेगा. यह घटनाक्रम पाकिस्तान की ओर से आतंकी नेटवर्क को कथित समर्थन और अंतरराष्ट्रीय तंत्र के जरिए इस्लामाबाद को जवाबदेह ठहराने के भारत के प्रयासों पर है. FATF की ग्रे सूची में वे देश शामिल हैं.

पाकिस्तान की तरफ से कराए जा रहे आतंकवाद को उजागर करते हुए संभावना है कि भारत डोजियर पेश करेगा, जिसमें हाल ही में मिली खुफिया सूचनाओं और FATF के वैश्विक मानकों के उल्लंघन पर जोर दिया जाएगा.

वर्ल्ड बैंक को भारत की दो टूक

वर्ल्ड बैंक को भी भारत ने दो टूक जवाब दिया है. भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है. इसी को लेकर भारत ने वर्ल्ड बैंक से कहा है कि जल संधि में आपकी कोई भूमिका या लेना-देना नहीं है, हम आतंक के खिलाफ मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकते.

दरअसल, सिंधु, झेलम और चिनाब के जल बंटवारे के लिए साल 1960 में दोनों देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे. संधि वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में कराई गई थी और इसमें उसने भी हस्ताक्षर किए थे. सिंधु जल संधि के निलंबित होने के बाद मीडिया में ये खबरें चलने लगी की वर्ल्ड बैंक शायद इसमें हस्तक्षेप करेगा और उसमें इसका लेना-देना है, लेकिन भारत ने साफ कह दिया है कि इस में वर्ल्ड बैंक की कोई भूमिका नहीं है.

हालांकि, इससे पहले वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बांगा ने भी यह साफ कह दिया था वर्ल्ड बैंक की भूमिका सिर्फ एक फेसिलिटेटर की है. हस्तक्षेप की बात बेबुनियाद है. ये फैसला भारत का है कि वो क्या करते हैं.

IMF को भी भारत ने दिया करारा जवाब

इसी के साथ हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को लोन दिया है. भारत ने उस को लेकर IMF से कहा आपकी फंडिंग से पाकिस्तान हथियार खरीद रहा है. साथ ही भारत ने कहा, आतंक का समर्थन देना गलत है, फंडिंग का समय अनुचित है.

दरअसल, आईएमएफ ने शुक्रवार को पाकिस्तान के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लोन को मंजूरी दे दी है. पहले ही गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान को यह लोन मौजूदा एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (Extended Fund Facility) के तहत दिया गया. हालांकि, पाकिस्तान के आईएमएफ को लोन देने का भारत ने विरोध किया था, लेकिन भारत के विरोध के बाद भी आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी.

Advertisements
Advertisement