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दुनिया के बाजार में भारत का बदला सीन, देखते रह गए अमेरिका, जापान और चीन

ग्लोबल मार्केट में भारतीय शेयर बाजार का सीन पूरी तरह से बदल गया है. उसने चीन, जापान, फ्रांस और सऊदी अरब जैसे देशों के शेयर बाजारों को इस बात का अहसास करा दिया है कि आखिर विदेशी निवेशकों के लिए भारत स्वर्ग क्यों है? ब्लूमबर्ग की एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिसकी वजह से चीन से लेकर अमेरिका, फ्रांस, जापान और सऊदी अरब जैसे देशों को सिरदर्द होने लगा है. अब ये देश सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि आखिर इस सिनेरियो को बदला कैसे जाए?

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आखिर ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में जो आंकड़ें दिए गए हैं, उसने दुनिया के बड़े देशों में ऐसी बेचैनी क्यों बढ़ा दी है? आखिर उस रिपोर्ट में ऐसा क्या है, जिससे चीन, अमेरिका और जापान जैसी आर्थिक महाशक्तियों में खलबली मच गई है? तो चलिए आपको आंकड़ों के एक ऐसे सफर में लेकर चलते हैं, जहां भारत की रफ्तार दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले काफी ज्यादा है. साथ ही उस रफ्तार की कायल दुनिया भर के निवेशक हो गए हैं.

भारत ने दुनिया को कराया अहसास

जिस शेयर बाजार के आसरे अमेरिका, जापान और चीन दुनियाभर में अपना लोहा मनवा रहे थे, उसी रास्ते में भारत ने अपने दबदबे का अहसास दुनिया की तमाम आर्थिक महाशक्तियों को करा दिया है. महज तीन महीनों के आंकड़ों को देख लिए जाए तो भारत की रफ्तार को देखकर इन तमाम देशों के होश फाख्ता हो चले हैं. पहले हम दुनिया के बाकी देशों आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं पहले भारत की चर्चा कर लेते हैं.

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के शेयर बाजार का वैल्यूएशन का ग्रोथ दुनिया के तमाम शेयर बाजारों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. जी हां, 5 ट्रिलियन डॉलर वाले भारत के बाजार की ग्रोथ सिर्फ डबल डिजिट में ही नहीं बल्कि दुनिया के बाकी बाजारों के मुकाबले या यूं कहें कि अमेरिका और यूके मुकाबले 3 से 7 गुना ज्यादा है. वहीं चीन, जापान और फ्रांस के बाजारों की ग्रोथ नेगेटिव में है. यानी पहली तिमाही में इन तीनों देशों के बाजारों की वैल्यूएशन सिकुड़ गई है सिमट गई है.

दुनिया में भारत का दबदबा

ब्लूमबर्ग ​की रिपोर्ट के मुताबिक जून तिमाही में भारत के शेयर बाजार के मार्केट कैप में सबसे ज्यादा करीब 14 फीसदी बढ़ोतरी देखने को मिली है. जोकि दुनिया के तमाम बड़े बाजारों के मुकाबने सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार भारत के बाजार का मार्केट कैप 5 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है, जोकि दुनिया का 5वां सबसे बड़ा बाजार है. हाल ही में भारत ने हॉन्कॉन्ग के बाजार को पीछे छोड़ा जरूर था, ले​किन बाद में हॉन्कॉन्ग के बाजार में तेजी आई और सिर्फ चौथे नंबर पर काबिज हो गया.

लेकिन जिस रफ्तार को भारत का शेयर बाजार पकड़े हुए, उस हिसाब से भारत फिर से हॉन्कॉन्ग को पीछे छोड़ देगा और उसके बाद हॉन्कॉन्ग के लिए भारत को पीछे छोड़ना मुश्किल ही नहीं ब​ल्कि नामुमकिन भी हो सकता है. सेंसेक्स ने पहली तिमाही में 7.30 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं निफ्टी में 7.54 फीसदी का रिटर्न देखने को मिला है. साल 2023 में भारत की वैल्यूएशन में 26 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला था.

दुनिया के शेयर बाजारों में भारत अव्वल

देश ग्रोथ (फीसदी में)
भारत 13.78
ताइवान 11.02
हॉन्गकॉन्ग 7.30
यूके 3.30
अमेरिका 2.75
कनाडा -2.68
चीन -5.59
जापान -6.24
फ्रांस -7.63
सऊदी अरब -8.70

एशिया बाजारों का बेहतरीन प्रदर्शन

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के आंकड़ों को देखकर पता चलता है कि एशियाई बाजारों का दबदबा रहा है. भारत के बाद ताइवान के शेयर बाजार के वैल्यूएशन की ग्रोथ सबसे ज्यादा देखने को मिली है, जोकि 11 फीसदी है. मौजूदा समय में ताइवान के बाजार की वैल्यूएशन 2.49 ट्रिलियन डॉलर है. उसके बाद नंबर हॉन्कॉन्ग का है. जिसकी वैल्यूएशन में जून तिमाही में 7.30 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. वहीं दूसरी ओर यूएस और यूके की वैल्यूएशन में इजाफा देखने को मिला है, लेकिन उनकी ग्रोथ काफी कम है. जहां यूके की ग्रोथ 3.30 फीसी रही, वहीं अमेरिका के बाजार की वैल्यूएशन में 2.75 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है.

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