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चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5-6.8% रहने का अनुमान: डेलॉयट रिपोर्ट…

डेलॉयट इंडिया ने अपनी नई इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 6.5 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को वैश्विक अनिश्चितताओं से हटकर अपनी घरेलू क्षमताओं का पूरा उपयोग करना चाहिए और सतत विकास के लिए ग्लोबल आउटलुक के अनुरूप खुद को ढालने की जरूरत है.

भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखला में बढ़ रहा आगे

डेलॉयट के अनुसार, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बावजूद भारत उच्च मूल्य वाले विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) निर्यात में तेजी ला रहा है. खासतौर पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और मशीनरी के क्षेत्र में भारत की भागीदारी बढ़ रही है, जो वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत की मजबूत उपस्थिति को दर्शाता है.

2025-26 के लिए वृद्धि दर 6.7 से 7.3% रहने की उम्मीद

डेलॉयट इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान 6.7 से 7.3 प्रतिशत के बीच लगाया है. हालांकि, पिछले अक्टूबर में डेलॉयट ने चालू वित्त वर्ष के लिए GDP वृद्धि दर 7 से 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान दिया था, जिसे अब घटाकर 6.5 से 6.8 प्रतिशत कर दिया गया है.

आर्थिक मंदी के कारण धीमी विकास दर

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने रिपोर्ट में बताया कि चुनाव से जुड़ी अनिश्चितताओं और मौसम के कारण निर्माण और विनिर्माण गतिविधियां धीमी रही हैं. पहली छमाही में सरकार का पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) वार्षिक लक्ष्य का केवल 37.3 प्रतिशत रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है. पिछले साल यह आंकड़ा 49 प्रतिशत था.

उन्होंने बताया कि विकास की गति को बनाए रखने के लिए सरकार को बुनियादी ढांचे और पूंजीगत व्यय को और गति देने की जरूरत है.

आगामी केंद्रीय बजट में खुदरा निवेशकों पर रहेगा फोकस

डेलॉयट की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार खुदरा निवेशकों के बढ़ते महत्व को पहचान रही है और आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 में उनकी भागीदारी को बढ़ाने के उपाय किए जा सकते हैं. सरकार निवेश को आसान बनाने, घरेलू बचत को बाजार की अस्थिरता से बचाने के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और वित्तीय समझ बढ़ाने के लिए विभिन्न अभियानों और प्रोत्साहनों पर ध्यान दे सकती है.

डेलॉयट इंडिया का मानना है कि भारत को अपनी घरेलू क्षमताओं का बेहतर उपयोग करते हुए वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. सरकार द्वारा आगामी बजट में खुदरा निवेशकों के लिए नए उपायों को शामिल करने से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिल सकता है.

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