भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक और पाकिस्तानी अधिकारी को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दिया है. इस अधिकारी पर भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के अनुरूप न आचरण करने का आरोप है. सरकारी आदेश के अनुसार, अधिकारी को 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है.
भारत सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण बने हुए हैं. इस संबंध में बुधवार को पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी चार्ज डी’अफेयर को तलब कर एक डिमार्शे (कूटनीतिक विरोध पत्र) सौंपा गया. उन्हें स्पष्ट निर्देश दिया गया कि भारत में तैनात कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक या अधिकारी अपने विशेषाधिकारों और दर्जे का दुरुपयोग न करे.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
गौरतलब है कि ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ किसी भी विदेशी राजनयिक को अवांछनीय घोषित करने की वह स्थिति होती है, जिसमें उसे मेजबान देश से तुरंत चले जाने को कहा जाता है. यह कूटनीतिक स्तर पर बेहद सख्त और गंभीर प्रतिक्रिया मानी जाती है.
यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच उठाया गया है, जब नई दिल्ली ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. इस ऑपरेशन में भारत ने जैश, लश्कर और हिजबुल से जुड़े 9 आतंकी ठिकानों को एयरस्ट्राइक में नेस्तनाबूद कर दिया, जिसमें कम से कम 100 आतंकी मारे गए.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक कदम उठाए थे, जिसमें नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में अधिकारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करना शामिल था.
इसके अलावा, भारत ने सभी पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को भी निष्कासित कर दिया था और उन्हें एक सप्ताह के अंदर देश छोड़ने के लिए कहा था. साथ ही भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भारत के रक्षा सलाकारों को वापस बुला लिया था और अपने राजनयिकों की संख्या कम कर दी थी.