प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को गुयाना की संसद के स्पेशल सेशन को संबोधित करते हुए कहा, “भारत कभी भी विस्तारवादी मानसिकता के साथ आगे नहीं बढ़ा है और हमेशा दूसरों के संसाधनों को हड़पने की भावना से दूर रहा है.” गुयाना में पीएम मोदी का यह बयान चीन के विस्तारवादी व्यवहार के साथ-साथ क्षेत्रीय विवादों से उत्पन्न संघर्षों पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच आा है. मोदी ने भू-राजनीतिक तनावों का जिक्र करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि संघर्षों को जन्म देने वाली स्थितियों की पहचान की जाए और उन्हें दूर किया जाए.
पीएम मोदी ने कहा, “आज आतंकवाद, ड्रग्स, साइबर क्राइम जैसी कई चुनौतियां हैं, जिनसे लड़कर ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे. और यह तभी मुमकिन है, जब हम लोकतंत्र को प्राथमिकता दें, मानवता को प्राथमिकता दें.”
उन्होंने आगे कहा कि भारत ने हमेशा सिद्धांतों, विश्वास और पारदर्शिता के आधार पर बात की है. अगर एक भी देश, एक भी इलाका पीछे छूट गया, तो हमारे ग्लोबल टारगेट्स कभी हासिल नहीं होंगे. इसीलिए भारत कहता है- हर देश मायने रखता है.
‘भारत कभी स्वार्थ के साथ…’
भारत की विदेश नीति के नजरिए पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़ा है. हम कभी भी विस्तारवाद की भावना के साथ आगे नहीं बढ़े हैं. हम हमेशा संसाधनों पर कब्जा करने, संसाधनों को हड़पने की भावना से दूर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि चाहे अंतरिक्ष हो या समुद्र, ये सार्वभौमिक संघर्ष के विषय नहीं होने चाहिए, बल्कि सहयोग के विषय होने चाहिए. यह दुनिया के लिए संघर्ष का वक्त भी नहीं है. यह संघर्ष पैदा करने वाली स्थितियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने का वक्त है.”
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में है. इसी भावना के साथ आज भारत ग्लोबल साउथ की आवाज भी बन गया है. भारत का मानना है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ सहा है. अतीत में हमने अपनी प्रकृति और संस्कृति के मुताबिक प्रकृति की रक्षा करके प्रगति की लेकिन कई देशों ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाकर विकास किया. आज ग्लोबल साउथ के देश जलवायु परिवर्तन की सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं. दुनिया को “इस असंतुलन” से बाहर निकालना बहुत जरूरी है.
उन्होंने आगे कहा कि चाहे भारत हो या गुयाना, हमारी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे लोगों को बेहतर जिंदगी देने के ख्वाब हैं. इसके लिए, वैश्विक दक्षिण की एकजुट आवाज बहुत अहम है.
’21वीं सदी की दुनिया…’
तमाम तरह के ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “21वीं सदी की दुनिया तमाम तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है. आज हमारे दोनों देश दुनिया में लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं. इसलिए, आज गुयाना की संसद में, मैं 140 करोड़ भारतीयों की ओर से आप सभी का अभिवादन करता हूं.”
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र प्रथम की भावना हमें सबको साथ लेकर चलने, सबको साथ लेकर चलने और सबके विकास में भागीदारी करने की शिक्षा देती है. मानवता प्रथम की भावना हमारे फैसलों की दिशा तय करती है. जब हम मानवता प्रथम को अपने फैसलों का आधार बनाते हैं, तो नतीजा भी मानवता के हित में होते हैं.
गुयाना के क्रिकेट प्लेयर्स से मिले PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुयाना के क्रिकेट प्लेयर्ल से भी मुलाकात की. उन्होंने इस खास मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, “क्रिकेट के जरिए जुड़ाव! गुयाना के प्रमुख क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ एक सुखद बातचीत. इस खेल ने हमारे देशों को करीब लाया है और हमारे सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा किया है.
ये खबर भी पढ़ें
इटली की PM जॉर्जिया मेलोनी ने चीन को दिया बड़ा झटका! भारत के लिए कर दिया ये बड़ा ऐलान