ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू हुआ भारत-पाकिस्तान के बीच का 86 घंटे का जंग जवांमर्दी की मिसाल, एडवेंचर और टैक्टिक्ल वारफेयर की रोमांचक कहानियां लेकर आया है. 4 दिन की ये लड़ाई तेज रफ्तार एक्शन, तकनीकी बुद्धिमता और दुश्मन को चौकाने और छकाने की कहानी है. इस जंग में भारत ने 9-10 मई को पाकिस्तान की एयर पावर को नेस्तानाबूद कर दिया.
इस जंग में कामयाबी के पीछे ब्रह्मोस जैसे सटीक निशाना लगाने वाले मिसाइलों का योगदान तो है ही. लेकिन भारतीय वायुसेना के अफसरों ने पाकिस्तान को छकाने के लिए जो माइंड गेम खेला, पाकिस्तान को जिस तरह भरमाया वो शानदार है. आगे हम बताएंगे कि कैसे पाकिस्तानी अफसर भारत के चक्रव्यूह में फंस गए इसके बाद ब्रह्मोस मिसाइलों ने शुरू किया ड्रिस्ट्रक्शन गेम.
इसके लिए भारत ने सहारा लिया डमी जेट्स का. ये जेट्स दुश्मन के रडार पर फाइटर जेट्स की तरह दिख रहे थे. दुश्मन ने इसे ही असली समझा और इन्हें गिराने के लिए अपना रडार और डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया. लेकिन तब तक भारत को पाकिस्तान के कीमती मिसाइल डिफेंस सिस्टम का ठिकाना पता लग गया था. इसके बाद भारत ने पाकिस्तानी एयरबेस पर ब्रह्मास्त्र मिसाइलों की बौछार शुरू कर दी. यही वो भारत का जवाब था जिसने पाकिस्तान के वायुसेना की कमर तोड़ दी.
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद, पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह पाने वाले आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारत का एक्शन तबाही लेकर आया. इसके बाद पाकिस्तान सीमा से सटे भारत के शहरों में नाकाम ड्रोन हमले करने लगा. तब भारत ने अपने जवाबी हमले का दूसरा दौर शुरू किया.
9 और 10 मई की मध्य रात्रि को भारतीय वायु सेना ने अन्य बलों के सक्रिय सहयोग से पूरे पाकिस्तान में स्थित 13 में से 11 वायुसैन्य ठिकानों पर अटेक किया. इस प्रक्रिया में भारत की उच्च तकनीकी क्षमता ने पाकिस्तान में चीन के सपोर्ट से चल रहे मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी पंगु बना दिया. भारत के जवाबी हमले का दूसरा दौर दक्षिण एशियाई सैन्य इतिहास में दो परमाणु-शक्ति संपन्न कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के बीच अब तक के सबसे साहसी और सामरिक रूप से महत्वाकांक्षी जवाबी हमलों में से एक के रूप में दर्ज हो गया.
पाकिस्तान पर अटैक करने के लिए भारतीय कमांडरों के लिए जरूरी था कि उन्हें पाकिस्तान के रडार सिस्टम और मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लोकेशन की जानकारी हो. लेकिन जंग के माहौल में ये जानकारी भारत को मिलती कैसे? यहां पर सेना के युद्ध रणनीतिकारों ने तीक्ष्ण बुद्धिमता का परियच दिया. पाकिस्तान रडार और मिसाइल डिफेंस को उनके खोल से निकालने के लिए वायुसेना ने एक चाल चली.
वायुसेना ने सबसे पहले पाकिस्तान पर पायलट रहित जेट विमानों से हमला करने का दिखावा किया. ये डमी जेट थे. अपने एयर स्पेस में देखते ही पाकिस्तानी वायुसेना ने अपने रडार को एक्टिवेट कर दिया, वहीं पाकिस्तान का मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी सक्रिय हो गया. भारत को इसी पल का इंतजार था. भारत के कंट्रोल रूम को पाकिस्तान के रडार और मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लोकेशन की जानकारी मिल गई क्योंकि ये एक्टिवेट थे.
इसके बाद पाकिस्तानी एयरस्पेस में शुरू हुआ भारत का प्रलय.भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमला कर उनके बुनियादी ढांचे और एयर डिफेंस नेटवर्क को नष्ट करने के लिए अभियान चलाया, जिसमें चीन की एचक्यू-9 मिसाइल प्रणाली भी शामिल थी. भारत को जानकारी मिल चुकी थी कि पाकिस्तानी वायुसेना ने चकलाला एयर बेस समेत कई जगहों पर एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम तैनात कर रखा था.
पाकिस्तान के ये रडार और मिसाइल डिफेंस सिस्टम जैसे ही एक्टिवेट हुए भारत ने कामिकोज ड्रोन्स जैसे हारोप से हमला किया. इन हमले में पाकिस्तान का एयर डिफेंस नेटवर्क बुरी तर चौपट हो गया. इसके साथ ही भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों से प्रहार शुरू किया. ब्रह्मोस की विध्वंसक क्षमता ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी.
पाकिस्तानी एयर स्पेस को सबसे ज्यादा नुकसान ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ राफेल लड़ाकू विमानों पर लगी स्कैल्प मिसाइलों ने पहुंचाई. रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान वायु सेना बेस को निशाना बनाने के लिए लगभग 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दागीं. इसका उद्देश्य विमान और अन्य ऑपरेशन लॉन्च करने की पाकिस्तान क्षमता को खत्म करना था. इस ऑपरेशन को सफल बनाने में डमी जेट्स का बड़ा रोल रहा. जिसे पाकिस्तान के रडार सिस्टम ने असली फाइटर समझ लिया और अपना लोकेशन प्रकट कर दिया.
सूत्रों ने बताया कि जैसे ही दुश्मन के रडार और एयर डिफेंस नेटवर्क भारतीय ‘आने वाले विमानों’ को मार गिराने के लिए सक्रिय हुए, भारतीय सेना ने इजरायल निर्मित हारोप सहित अपने हथियारों को ऊपर से दागा और पाकिस्तान के वायु रक्षा रडार और कमांड और नियंत्रण प्रणालियों को निशाना बनाया.
पाकिस्तानी वायु सेना ने अपने HQ-9 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम लांचर और रडार के पूरे सेट को अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया था. लेकिन सक्रिय होने के बाद उनका पता लगा लिया गया. इसके बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला किया, जिसमें ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलें शामिल थीं.
ब्रह्मोस और स्कैल्प जैसी मिसाइलों को ले जाने वाले विमानों ने पश्चिमी वायु कमान और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान क्षेत्रों के अलग अलग हवाई ठिकानों से उड़ान भरी थी. विमानों ने पाकिस्तानी वायु सेना के लगभग सभी प्रमुख ठिकानों पर हमला किया था और उनके 13 में से 11 ठिकानों को निशाना बनाया गया था.
ब्रह्मोस और स्कैल्प द्वारा किए गए हमले में मुख्य रूप से सिंध में स्थित पाकिस्तानी वायुसेना के एयरबेस पर हमला हुआ, जहां UAV और एक हवाई निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी विमान को भारी नुकसान पहुंचा है. एयरबेस इस हद तक क्षतिग्रस्त हो गए कि पाकिस्तानी वायुसेना को अपने विमानों को पीछे के बेस पर ले जाना पड़ा.
बता दें कि यह पहली बार है कि ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम का प्रयोग किसी एक्टिव वॉर में किया गया है. इस दौरान इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने अपनी असीम क्षमता को प्रदर्शित किया है. भारत द्वारा पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में 100 आतंकी मारे गए हैं, जबकि 40 से 50 पाकिस्तानी सेना के जवान और अफसर मारे गए हैं.