वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2025 में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया. नई दिल्ली में हुई इस चैम्पियनशिप के आखिरी दिन भारत ने तीन रजत और एक कांस्य अपने नाम करके मेडल्स की संख्या 22 तक पहुंचाया. भारत ने छह स्वर्ण, नौ रजत और सात कांस्य पदक हासिल किए और पदक तालिका में दसवें स्थान पर रहा. भारत का ये विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अब तक का बेस्ट प्रदर्शन रहा. इससे पहले भारत ने जापान के कोबे में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियशिप में कुल 17 पदक (छह स्वर्ण, पांच रजत और छह कांस्य) जीते थे.
आखिरी दिन नवदीप सिंह, प्रीति पाल, सिमरन शर्मा और संदीप भारत के लिए मेडल जीतने में कामयाब रहे. उत्तर प्रदेश की सिमरन शर्मा ने पीठ दर्द के बावजूद महिलाओं की 200 मीटर T12 स्पर्धा में रजत पदक जीतकर सबको प्रभावित किया. 25 वर्षीय सिमरन की ये लगातार छठी स्प्रिंट रेस थी. सिमरन ने 24.46 सेकेंड का समय निकालते हुए एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया.
सिमरन शर्मा वैसे वेनेजुएला की अलेजांद्रा पेरेज लोपेज और ब्राजील की क्लारा बैरॉस डी सिल्वा के पीछे तीसरे स्थान पर थीं. लेकिन अलेजांद्रा डिस्क्वालिफाई कर दी गईं, जिसके चलते सिमरन को रजत पदक मिला. बता दें कि T12 वर्ग में दृष्टि संबंधित विकार वाले एथलीट हिस्सा लेते हैं. सिमरन ने अपने गाइड उमर सैफी के साथ दौड़ पूरी की. उन्होंने इससे पहले 2024 में कोबे में इसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था.
प्रीति पाल का भी शानदार प्रदर्शन
महिलाओं की 100 मीटर T35 स्पर्धा में प्रीति पाल ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता. स्टार्टर पिस्टल में खराबी के कारण प्रीति पाल को दो बार दौड़ना पड़ा. प्रीति ने 14.33 सेकेंड का अपना सर्वश्रेष्ठ समय निकाला. वो सिर्फ चीन की गुओ कियांकियांन (14.24 सेकेंड) से पीछे रहीं.
F41 भाला फेंक में नवदीप सिंह ने 45.46 मीटर का सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हुए रजत पदक जीता. नवदीप ने पेरिस पैरालंपिक में 47.32 मीटर का थ्रो करके स्वर्ण पदक जीता था. नवदीप से यहां पर भी गोल्ड की उम्मीद थी, लेकिन वो ईरान के सादेघ बेत सयाह से पिछड़ गए. उधर पुरुषों की 200 मीटर T44 स्पर्धा में संदीप ने 23.60 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया.
अगर नवदीप और हाई जम्पर प्रदीप कुमार ने अपनी पूरी क्षमता दिखाई होती, तो भारत चौथे स्थान पर भी पहुंच सकता था. पदक तालिका में ब्राजील सबसे आगे रहा, जिसने 15 गोल्ड समेत कुल 44 पदक जीते. चीन 52 पदकों के साथ दूसरे और ईरान 16 मेडल्स के साथ तीसरे स्थान पर रहा.