दिल्ली की कंज्यूमर फोरम ने इंडिगो एयरलाइंस पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. फोरन ने विमानन कंपनी पर एक महिला को गंदी सीट देने के मामले में दोषी पाया, जिसके बाद कंपनी पर यात्री को मुआवजे के तौर पर यह रकम चुकाने को कहा गया है.
नई दिल्ली जिला कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन पिंकी नाम की महिला की ओर दायर एक शिकायत पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इस साल 2 जनवरी को बाकू से नई दिल्ली की यात्रा के दौरान उसे “खराब, गंदी और दागदार” सीट प्रोवाइड कराई थी. पिंकी ने आरोप लगाया कि इस मामले से संबंधित उसकी शिकायत को “खारिज करने वाले और असंवेदनशील तरीके से” लिया गया. हालांकि, इस पर एयरलाइंस ने कहा कि उन्होंने पिंकी की समस्या का संज्ञान लिया और उसे एक अलग सीट दी, जिस पर उसने स्वेच्छा से यात्रा की और नई दिल्ली तक अपनी यात्रा पूरी की.
फोरम ने माना दोषी
फोरम ने हाल ही में अपने आदेश में कहा कि हमारा मानना है कि इंडिगो सेवा में कमी का दोषी है. यात्री को हुई असुविधा, दर्द और मानसिक पीड़ा के संबंध में, हमारा मानना है कि उसे मुआवजा दिया जाना चाहिए. हम इंडिगो को उसे हुई मानसिक पीड़ा, शारीरिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए 1.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश देते हैं. साथ ही, फोरन ने मुकदमे के खर्च हुए 25,000 रुपये भी पीड़िता को देने का आदेश दिया.
फोरम ने अपने आदेश में कहा कि एयरलाइंस ने सिचुएशन डेटा डिस्प्ले (एसडीडी) रिपोर्ट जमा नहीं की, जो उनके इंटरनल ऑपरेशन रिकॉर्ड का हिस्सा होती है और स्टैंडर्ड एविएशन प्रोटोकॉल के तहत जरूरी है. फोरम ने बताया कि इंडिगो ने अपने लिखित बयान या सबूतों में इस रिपोर्ट का जिक्र तक नहीं किया. एसडीडी एक जरूरी डॉक्यूमेंट है, जो फ्लाइट ऑपरेशंस की मॉनिटरिंग और पैसेंजर से जुड़ी घटनाओं को रिकॉर्ड करने के लिए इस्तेमाल होता है, इस डॉक्यूमेंट के न होने से इंडिगो का बचाव काफी कमजोर हो जाता है.