स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2024 में इंदौर फिर देश में नंबर वन पर रहा, इसके साथ ही 8वीं बार यह देश का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल दूसरे नंबर पर रही। प्रदेश के उज्जैन, बुधनी, देवास, शाहगंज, जबलपुर और ग्वालियर को भी सम्मानित किया गया है।
इंदौर, उज्जैन एवं बुधनी को सुपर स्वच्छ लीग श्रेणी, भोपाल, देवास और शाहगंज को राष्ट्रपति पुरस्कार, जबलपुर को विशेष श्रेणी एवं ग्वालियर को राज्य स्तरीय पुरस्कार दिया गया है।
स्कोर कार्ड में इंदौर शहर सूरत व इस बार के नंबर 1 बने अहमदाबाद शहर से भी आगे
सुपर स्वच्छ लीग में शामिल इंदौर को सोर्स सेग्रिगेशन केटेगरी (घर व बाजारों से कचरा एकत्रीकरण) 98 प्रतिशत अंक मिले है। शेष सात केटेगरी में 100 प्रतिशत अंक मिले है। जबकि इस बार के सर्वेक्षण में नंबर स्वच्छ शहर अहमदाबाद को इसी केटेगरी में 94 प्रतिशत अंक है। वही इस बार सूरत इस केटेगरी में 92 प्रतिशत अंक है। सूरत इस केटेगरी में गुजरात के नंबर 1 अहमदाबाद शहर से भी पीछे है। यानि स्वच्छ सर्वेक्षण के स्कोर कार्ड में इंदौर सूरत व अहमदाबाद से भी आगे है।
ऐसे वर्ष दर वर्ष बढ़ते रहे इंदौर के कदम, 2017 से नंबर वन
2016 : पहला सर्वेक्षण रैंक- 25
ट्रंचिंग गाउंड के 15 लाख टन कचरे के पहाड़ को किया खत्म
2017 : दूसरा सर्वेक्षण रैंक-1
कचरा पेटियां हटाईं, 350 डोर टू डोर कचरा उठाने वाले वाहन मैदान में उतारे
2018 : तीसरा सर्वेक्षण रैंक-1
गीले कचरे से बायो सीएनजी तैयार कर बसें चलाने का प्रयोग शुरू
2019 : चौथा सर्वेक्षण रैंक-1
शहर में कचरा वाहन गीला-सूखा कचरा अलग-अलग लेने लगे
2020 : पांचवां सर्वेक्षण रैंक-1
थ्री आर माडल को अपनाया, बैकलेन सफाई व वेस्ट टू आर्ट पर जोर
2021 : छठा सर्वेक्षण रैंक-1
नदी-नालों की सफाई की गई, कार्बन क्रेडिट से होने लगी कमाई
2022 : सातवां सर्वेक्षण रैंक-1
बायो सीएनजी प्लांट की शुरुआत, 10 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
2023 : आठवां सर्वेक्षण रैंक-1
वायु प्रदूषण को किया कम, सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाई रोक
2024 : नौवां स्वच्छ सर्वेक्षण
थ्री-आर सेंटरों की स्थिति सुधारी, शहर में मृत पशुओं के शव के निपटान की व्यवस्था की। ग्रीन वेस्ट से पेलेट तैयार करने, पुराने कपड़ों से धागा बनाने, सहित कई नवाचार किए।