30 हजार रुपये सैलरी वाले इंदौर नगर निगम के अधिकारी के पास मिली करोड़ों की संपत्ति

इंदौर शहर को हरा-भरा करने की जिम्मेदारी संभाल रहा नगर निगम का अफसर चेतन विनायकराव पाटिल भ्रष्टाचार में लिप्त निकला। वह पेड़-पौधों की सजावट की आड़ में करोड़ों रुपये डकार गया। अफसर का वर्तमान वेतन मात्र 30 हजार रुपये प्रतिमाह है लेकिन उसने करोड़ों की संपत्ति जमा कर ली। आर्थिक अपराध ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने मंगलवार तड़के उसके ठिकानों पर छापे मारकर करोड़ों की संपत्ति का पता लगाया।

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एजेंसी उसके भानगढ़ स्थित गुलमोहर ग्रीन कालोनी स्थित घर और निगम स्थित आफिस से फाइलें जब्त कर ले गई। निजी कंपनियां और अफसर भी जांच की जद में हैं। डीएसपी (ईओडब्ल्यू) पवन सिंघल के मुताबिक चेतन 2004 में मस्टरकर्मी के रूप में भर्ती हुआ था।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का केस दर्ज

उसने अफसर और नेताओं में घुसपैठ बना ली और उद्यान अधिकारी के पद तक जा पहुंचा। नौकरी के हिसाब से चेतन की कुल आय 15 लाख रुपये बनती है, लेकिन भ्रष्टाचार कर उसने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली। इसमें पाश इलाकों में प्लाट, आभूषण और बीमा पॉलिसियां शामिल हैं। पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज किया है।

विधानसभा क्षेत्र दो के जनप्रतिनिधियों का करीबी रहा

चेतन पाटिल ने 2004 में नियुक्ति के बाद से नौकरी का ज्यादातर हिस्सा विधानसभा क्षेत्र दो के जोनों में ही गुजारा है। उसके पास सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है। यही वजह है कि शुरुआती वर्षों में वह जोन कार्यालयों में बतौर उपयंत्री पदस्थ रहा।

दो नंबर विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से करीबी का फायदा मिला और वर्ष 2016 में मनीष सिंह के निगमायुक्त रहते हुए जोनल अधिकारी बन गया। करीब सात वर्ष पहले पाटिल का प्रमोशन करते हुए निगम में उद्यान अधिकारी बना दिया गया। इसके बाद से वह उद्यान विभाग में ही पदस्थ रहा।

 

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