इंदौर क्राइम ब्रांच ने 4 करोड़ 80 लाख रुपए के सोने के जेवरात चुराने वाले दो आरोपियों को गुजरात के पालनपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने जेवरात कार की सीट में छिपा रखे थे। बरामद माल के साथ दोनों आरोपियों को इंदौर लाया गया और पुलिस रिमांड पर उनसे पूछताछ जारी है।
अहमदाबाद निवासी सोने के व्यापारी धर्मेंद्र भाई जयंतीलाल ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें सोना बेचने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में सैंपल दिखाना पड़ता था। 9 जुलाई को उनके ड्राइवर मसरू रबारी ने कार में 4 किलो 800 ग्राम के दो बैग जेवरात रखे और गंगवाल बस स्टैंड के पास अपने साथी के साथ फरार हो गया। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की।
डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश त्रिपाठी ने बताया कि आरोपियों की जानकारी मिलने पर पता चला कि वे राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में छिपे हुए थे। पुलिस ने लगातार निगरानी और छापामार कार्रवाई के बाद मसरू रबारी और प्रेमपाल सिंह को गुजरात के पालनपुर जिले से गिरफ्तार किया।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि प्रेमपाल सिंह दूसरी गाड़ी से घटना स्थल पर आया था और दोनों ने मिलकर जेवरात छिपा कर ले जाने की योजना बनाई थी। जेवरात कार की सीट में छुपाकर रखा गया था। क्राइम ब्रांच ने कार जब्त कर सारा माल बरामद किया और दोनों आरोपियों को इंदौर लाया।
जांच में यह भी सामने आया कि प्रेमपाल सिंह शराब तस्करी में शामिल है और उसके खिलाफ 307 की दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह पहले भी कई बार फायरिंग कर चुका है। पुलिस ने सूझबूझ और रणनीति के साथ उसे पकड़ा।
मसरू रबारी और प्रेमपाल सिंह पर अब चोरी और आपराधिक साजिश के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है। बरामद जेवरात और आरोपियों की गिरफ्तारी से व्यापारी और आम लोगों में सुरक्षा व्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ा है।
इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया कि पुलिस की तत्परता और तकनीकी मदद, जैसे सीसीटीवी फुटेज और ट्रैकिंग, बड़े आर्थिक अपराधों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।