Madhya Pradesh News: पूरी दुनिया अब डिजिटलाइजेशन पर निर्भर हो चुकी है, अब हर चीज़ मोबाइल से ऑपरेट की जाती है इसके कई फ़ायदे भी है तो इसके कई नुक़सान भी लगातार अब सामने आ रहे है. इसका सबसे बड़ा नुक़सान है साइबर फ्रॉड जो बदमाश एक अकाउंट से पैसा लेकर दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करते हैं और जब वह उसी अकाउंट्स से किसी व्यापारी के यहां खरीदारी करते हैं और जांच में वह अकाउंट पाया जाता है तो व्यापारी का अकाउंट सीज कर लिया जाता है. इन बातों से परेशान इंदौर के व्यापारियों ने यूपीआई पेमेंट को अब ना कह दिया है अब वह कैश में और क्रेडिट कार्ड से ही पेमेंट लेंगे.
दरअसल, देशभर में साइबर फ्रॉड के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, इसी के तहत साइबर क्राइम टीम भी लगातार काम कर रही है ,कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया है कई लोगों के ख़िलाफ़ अभी भी लगातार जाँच जारी है. इसमें सबसे बड़ी समस्या व्यापारियों के लिए सामने आई है जिससे कि अगर कोई ग्राहक उनकी दुकान पर आता है और वह यूपीआई से पेमेंट करता है और पुलिस जांच में वह गुनहगार निकलता है तो पुलिस व्यापारियों का अकाउंट भी सीज कर देती है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
इसके बाद अकाउंट उसको खुलवाने में कई महीनों लग जाते हैं और तब तक व्यापारी का पैसा उसी अकाउंट में रखा रह जाता है न वो उसका इस्तेमाल कर सकता है न ही पेमेंट निकाल सकता है जिससे की कई व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा ही मामला राजवाड़ा क्षेत्र के आस पास सामने आया है जिसमें वहां के एसोसिएशन ने फ़ैसला किया है कि अब वह यूपीआई पेमेंट नहीं लेंगे वह कैश और क्रेडिट कार्ड में ट्रांजेक्शन करेंगे.
कलेक्टर ने दिया आश्वासन
वहीं इस पूरे मामले में इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि जैसे ही साइबर फ्रॉड की शिकायत आती है पुलिस प्रशासन उस पर तुरंत कार्रवाई करता है अगर एक दो ट्रांजेक्शन के कारण ऐसा हुआ है. और यूपीआई पेमेंट को गलत कहना गलत हे वहीं व्यापारियों द्वारा लगाए गए पोस्टरों पर कहा, कि हम एक टीम भेजकर उनसे बातचीत करेंगे, क्योंकि डिजिटल इकोनॉमी भी बहुत आवश्यक है उसमें अगर किसी चीज़ की कमी है तो उसको सही किया जाएगा.