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इंदौर अब बनारस को बनाएगा स्वच्छ, काशी पहुंची अधिकारियों की टीम; तैयार कर रही मास्टर प्लान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र यानी वाराणसी में भी अब इंदौर और भोपाल जैसी साफ-साफाई दिखाई देगी. जी हां, इसे संभव करने के लिए इंदौर और भोपाल से एक अधिकारियों की टीम वाराणसी पहुंची है और 4 दिन तक वहीं पर रुकेगी. इस दौरान इंदौर-भोपाल के अधिकारियों ने वाराणसी के अधिकारियों को इंदौर के स्वच्छता का मॉडल बताया.

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अधिकारियों की इस बैठक में कैसे घर-घर कचरा संग्रहण होता है, गीला और सूखा कचरा अलग करने की क्या प्रोसेस है, कचरे की रीसाइक्लिंग और तकनीकी उपायों पर गहराई से चर्चा की गई. अफसरों ने बताया कि किस तरह इंदौर में हर घर से कचरा अलग-अलग एकत्र किया जाता है. उसे सीधे प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचाया जाता है.

बता दें कि इंदौर देश का सबसे साफ शहर माना जाता है. वहां की सफाई व्यवस्था को देखने और समझने अब तक देश-विदेश के 100 से ज्यादा शहरों के प्रतिनिधि इंदौर आ चुके हैं. हालांकि यह पहली बार है जब इंदौर के अफसर किसी दूसरे शहर में जाकर सफाई मॉडल लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं. ये अफसर स्थानीय समस्याओं को बारीकी से देखेंगे और इसके बाद अपने अनुभवों से इनका हल निकालेंगे.

रिपोर्ट में फोटोज, वीडियो शामिल

दिल्ली से नगरीय प्रशासन विभाग के निर्देश पर यह पहल शुरू की गई है. पहले इंदौर मॉडल से संबंधित दस्तावेज, फोटो और वीडियो के जरिए एक रिपोर्ट तैयार की गई थी. अब उसी मॉडल को वाराणसी में जमीनी स्तर पर कैसे लागू किया जाए इस पर योजना बनाई जा रही है.

क्या खास है इंदौर मॉडल में खास?

स्वच्छता अभियान की शुरुआत होने के बाद से ही इंदौर शहर लगातार पहले नंबर पर बना हुआ था. ये शहर 7 साल तक देश में सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल कर चुका है. वहीं भोपाल भी इल लिस्ट में दूसरे नंबर पर बना रहा. ऐसे में यहां के स्थानीय अधिकारियों ने किस तरह से कूड़े का मैनेजमेंट किया और आम लोगों की प्रतिभागी इसमें कितनी रही यह बेहद खास है. इंदौर में 100% कचरा डोर-टू-डोर कलेक्शन के जरिए इकट्ठा किया जाता है और सीधे प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचता है. शहर में एक भी कचरा पेटी नहीं है और खुले में कचरा फेंकना पूरी तरह बंद है.

जल्द ही अधिकारी इंदौर में मोबाइल ऐप के जरिए कचरा वाहन को अपने घर बुलाने की सुविधा लाने जा रहे हैं. गीले कचरे से खाद और सीएनजी, प्लास्टिक से ईंधन, और मलबे से पेवर ब्लॉक जैसी उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं.

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