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मध्य प्रदेश में उद्योगों से आया जीवन में सुधार, जानिए क्यों MP की शान हैं यहां की इंडस्ट्रीज

किसी भी देश में, किसी भी क्षेत्र में उद्योग का होना एक वरदान की तरह होता है. इतिहास गवाह है कि जहां जहां उद्योग ने पैर पसारे वहां वहां विकास हुआ. टाटा ने टाटानगर बसा दिया, उद्योगों ने गुरुग्राम और नोएडा जैसे गुमनाम जगहों को मानचित्र पर स्थान दे दिया. छत्तीसगढ़ के भिलाई को स्टील प्लांट ने अपनी पहचान से संवार दिया. इसी तरह मध्य प्रदेश में भी उद्योग नीतियों कई जगहों को संपन्न कर दिया.

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मध्य प्रदेश में औद्योगीकरण दूसरी पंचवर्षीय योजना में शुरू हुआ था. जब BHEL (भोपाल), सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट (उज्जैन), अल्कोहल प्लांट (भोपाल), और कई औद्योगिक विकास केंद्र इंदौर, ग्वालियर आदि में स्थापित किए गए थे. मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2004 बनाई जिसे 2007 में संशोधित किया गया. नीति को अधिक व्यापक और समावेशी बनाने के लिए 2010 में नई औद्योगिक नीति लागू की गई.

हाल के वर्षों में औद्योगिक विकास में पिछड़े राज्य की स्थिति में सुधार हुआ है. विश्व बैंक और डीआईपीपी 2019 द्वारा प्रकाशित ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट के अनुसार एमपी चौथे स्थान पर है.

आइए समझते हैं कि मध्य प्रदेश में उद्योगों से किस तरह के फ़ायदे होते हैं,

  • उद्योगों से लोगों को रोज़गार मिलता है.
  • उद्योगों से गुणवत्ता वाले उत्पाद सस्ते दामों पर मिलते हैं.
  • उद्योगों से लोगों का रहन-सहन का स्तर सुधरता है.
  • उद्योगों से जीवन सुविधाजनक होता है.

मध्य प्रदेश में उद्योगों से जुड़े कुछ और फ़ायदे:

  • मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए कई तरह की सुविधाएं हैं.
  • मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है.
  • मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र हैं.
  • मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए सहायता दी जाती है.
  • मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए प्रोत्साहन के लिए कई तरह के पैकेज दिए जाते हैं.
  • मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए सरकारी भूमि बैंक में से ज़मीन चुनी जा सकती है.
  • मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए कुशल और तकनीकी जनशक्ति उपलब्ध है

मध्य प्रदेश बनेगा कैपिटल ऑफ माइंस

अब वर्तमान की बात करें तो मध्य प्रदेश में माइनिंग सेक्टर की संभावनाएं तलाशने और निवेश को प्रोत्साहित करने दो दिवसीय मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव-2024 आयोजित किया गया है. भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने माइनिंग काॅन्क्लेव का शुभारंभ किया. 18 अक्टूबर तक माइनिंग कॉन्क्लेव-2024 के विभिन्न सत्र होंगे, जिसमें खनन क्षमता, तकनीकी नवाचारों और सतत निवेश प्रोत्साहन पर मंथन किया जाएगा. मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए कई प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान हैं.

नौकरी और स्वरोजगार मिलने की उम्मीद

इधर सिंगरौली में अदाणी कंपनी के कर्मचारियों पर हुआ हमला सुनियोजित था और षड्यंत्रकारी था. इस बात की पुष्टि इस बात से होती है कि कुछ दिन पहले ही असल ग्रामीणों इस परियोजना के लिए सहमति दी थी. मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिंगरौली द्वारा लोक सुनवाई आयोजित की गई थी. यहां माड़ा तहसील में महान एनर्जेन लिमिटेड के 1600 मेगावाट विस्तार परियोजना के आसपास के लोगों ने सामाजिक और आर्थिक विकास के बारे में अपने विचार रखे. उन्होंने संयंत्र विस्तार से क्षेत्र में विकास के नए आयाम खुलने के साथ ही बहुत सारे लोगों को नई नौकरियां मिलने की संभावनाओं और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होने की उम्मीद जताई.

अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से गांव में हो रहे कार्यक्रम

गौरतलब है कि गांव बंधौरा स्थित महान एनर्जेन लिमिटेड की दो इकाइयां कुल 1200 मेगावाट की क्षमता संचालित है. सामाजिक सरोकारों के तहत इस क्षेत्र में अडानी फाउंडेशन के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका उन्नयन और ढांचागत विकास के कई कार्यक्रमों का संचालन हो रहा है.

सिंगरौली में शुरू होगी भूमिगत कोयला खदान

गोंड़बहेरा उज्जैनी भूमिगत कोयला परियोजना 51 वर्षों तक चलेगी, जिसमें आधुनिक तकनीक से भूमिगत उत्खनन द्वारा कोयला उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है. कोयला उत्पादन की प्रति वर्ष क्षमता 41.2 लाख टन है. इस खनन परियोजना के संचालन के दौरान पर्याप्त मात्रा में रोजगार का सृजन होगा, जिसके फलस्वरूप यहां के लोगों के आय में वृद्धि से जीवन स्तर बेहतर होगा. इस परियोजना से मध्यप्रदेश सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. एमपी नेचुरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड ने स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था के लिए विस्तार से योजना बनाई है.

मध्य प्रदेश का चौतरफा विकास, उद्योग से ही आस

ये सभी योजनाएं और उद्योग इस बात की ओर साफ इशारा कर रही हैं कि उद्योगों ने ही अब तक मध्य प्रदेश को आर्थिक और सामाजिक रूप से संपन्न बनाया है. इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है और सभी तरह के राजनीतिक षडयंत्रों से बचने की जरूरत है.

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