दुनिया में पर्यावरण के महत्व के बारे में जागरूक करने आज यानी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के आमदी और बालोद जिले के ठेकवाडीह में पर्यावरण को बचाने और वृक्षारोपण के लिए किए जा रहे प्रयासों ने एक नई दिशा दी है।
आमदी में ‘ग्रीन ग्रुप आमदी’ और ठेकवाडीह में ‘युवा एवं कर्मचारी संघ ठेकवाडीह’ के शुरू किए गए वृक्षारोपण अभियानों ने न केवल स्थानीय समुदाय को एकजुट किया है, बल्कि इन पहलों से दोनों क्षेत्रों में हरियाली भी बढ़ रही है।
धमतरी के आमदी में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। हर साल पेड़ों की संख्या घट रही है। इसी चिंता को देखते हुए आमदी नगर में वर्ष 2019 में ‘ग्रीन ग्रुप आमदी’ बनाया गया।
ग्रीन ग्रुप आमदी में 100 से ज्यादा सदस्य
इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाना है। बारिश का मौसम शुरू होने के बाद सदस्यों ने पौधे लगाना शुरू कर दिया है। इस ग्रुप में 100 से ज्यादा सदस्य हैं। सभी सदस्य नियमित रूप से सहयोग कर रहे हैं।
ग्रुप के सदस्य शिक्षक सोहन लाल साहू और योगेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास समय नहीं है। युवा मोबाइल और दूसरे कामों में व्यस्त हैं। अगर जीवन में एक अच्छी आदत डाली जाए, तो कई नेक काम किए जा सकते हैं।
6 साल में लगाए 500 से ज्यादा पौधे
पिछले 6 साल में ग्रुप ने 500 से ज्यादा पौधे लगाए हैं। इनमें छायादार और फलदार पेड़ शामिल हैं। पौधे नया तालाब, हाईस्कूल मैदान, रावां रोड, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मुक्तिधाम और कृषि उपज मंडी रोड में लगाया गया है। इनमें बरगद, नीम, पीपल, आम, कदम, बादाम, पाम, इमली, गुलमोहर, रुद्राक्ष, अशोक, बेल, जामुन, अमरूद, आंवला और परिजात जैसे पेड़ शामिल हैं।
इनमें से करीब 150 पौधे अब पेड़ बन चुके हैं। ग्रुप का लक्ष्य है कि आगे भी लगातार पौधरोपण कर रहे हैं, ताकि लोगों को शुद्ध हवा और छाया मिलती रहे। नगर के कुछ गणमान्य नागरिक इस काम के लिए आर्थिक सहयोग भी देते है इससे हौसला बढ़ते जा रहा है।
बालोद के ठेकवाडीह में युवाओं की पहल
बालोद जिले में भी पर्यावरण को बचाने के लिए एक ऐतिहासिक पहल शुरू हुई। हम बात कर रहे हैं बालोद जिले के गुरुर विकासखंड के एक छोटे से गांव ठेकवाडीह की। जैसा कि कहा जाता है, एक छात्र, एक शिक्षक, एक पुस्तक और एक कलम इस दुनिया को बदल सकते हैं।
ठीक ऐसा ही कुछ हुआ जब आठ साल पहले इस गांव के कुछ शिक्षकों ने मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अनोखा कदम उठाने का विचार किया। उनका उद्देश्य था- गांव के बेहतर पर्यावरण और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में वृक्षारोपण जैसे महत्वपूर्ण कार्य को बढ़ावा देना।
5 जून 2018 को हुई थी संगठन की स्थापना
इसी सोच के साथ, 5 जून 2018 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर “युवा एवं कर्मचारी संघ ठेकवाडीह” नामक संगठन की स्थापना की गई। इस संगठन का गठन गांव के शिक्षकों द्वारा किया गया, और इसमें युवाओं, किसानों, व्यापारियों, और सभी वर्गों के कर्मचारियों को जोड़ा गया। तब से लेकर अब तक इस संगठन ने लगभग 320 पौधों का रोपण किया और उनका संरक्षण किया है।
सिर्फ गांव ही नहीं, इस संगठन के कार्य से प्रेरित होकर आस-पास के अन्य गांवों के लोग भी वृक्षारोपण में सक्रिय हो गए हैं। यह संगठन अपनी सबसे बड़ी सफलता मानता है कि उसने गांव के लोगों को इस दिशा में प्रेरित किया।
वृक्षारोपण के अलावा, युवा एवं कर्मचारी संघ ठेकवाडीह द्वारा कई अन्य सामाजिक कार्य भी किए गए हैं, जैसे वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान, मेधावी छात्रों का सम्मान, सेवानिवृत्त कर्मचारियों का सम्मान, गरीब बच्चों को सहायता, कैरियर गाइडेंस शिविर और स्वच्छता अभियान आदि।
बच्चों के लिए गार्डन बनाने की योजना
आने वाले सालों में इस संगठन ने गांव में बच्चों के लिए एक गार्डन बनाने की योजना बनाई है, जिसका कार्य प्रगति पर है। प्रतिवर्ष, इस संगठन के सदस्य इस पुण्य कार्य में समय और धन दोनों से योगदान देते हैं, ताकि गांव में हरियाली और सुंदरता बनी रहे। वर्तमान में गांव में लगभग 320 वृक्ष लगे हुए हैं, जो गांव की सुंदरता को और बढ़ा रहे हैं और “हमर गांव सुघ्घर गांव” की कल्पना को साकार कर रहे हैं।