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घायल पहाड़ी कोरवा को 26 घंटे बाद मिली एंबुलेंस, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

बिलासपुर में एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने बाइक सवार छात्र को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। खिलेश चंद्राकर (19) सोमवार (6 अक्टूबर) को अपने रिश्तेदार के यहां दशगात्र कार्यक्रम में शामिल होने अकलतरा गया था।

कार्यक्रम के बाद वो अपनी बाइक से वापस गांव लौट रहा था। इस दौरान बाइक चलाते समय खिलेश अपने मोबाइल पर मैप भी देख रहा था। सीपत से पहले रास्ता भटककर वह एनटीपीसी रोड के बजाय सीपत के नवाडीह चौक तक पहुंच गया।

इसी दौरान बलौदा तरफ से आ रहे कोयला लोड ट्रेलर ने खिलेश की बाइक को टक्कर मार दी। इस हादसे में युवक ट्रेलर के पहिए के नीचे आ गया, जिससे उसकी लाश क्षत-विक्षत हो गई।मामला सीपत थाना क्षेत्र के नवाडीह चौक का है। खिलेश अपने घर का इकलौता बेटा था, वह अभी 12वीं की पढ़ाई कर रहा था।

हादसे के बाद परिजन और स्थानीय लोगों ने किया चक्काजाम

आसपास के लोगों ने हादसे की जानकारी सीपत पुलिस को दी। खबर मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को सड़क से उठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मर्चुरी में रखवा दिया।

इधर, हादसे की जानकारी मिलते ही खिलेश के परिजन और स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई। गुस्साए लोगों ने मृतक के परिवार वालों को मुआवजा राशि देने की मांग करते हुए चक्काजाम कर दिया। इसके चलते देखते ही देखते नवाडीह चौक पर बड़ी संख्या में मोटरसाइकिल खड़ी कर भारी वाहनों को रोक दिया गया।

इसके चलते बलौदा से बिलासपुर मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। देर रात तक बिलासपुर-सीपत रोड में वाहनों की आवाजाही बंद रही। स्थिति को देखते हुए सीपत थाना प्रभारी गोपाल सतपथी के साथ ही सरकंडा थाना प्रभारी नीलेश पांडेय और मस्तूरी थाना प्रभारी हरीश टांडेकर भी मौके पर पहुंच गए।

उन्होंने मृतक के परिवार और स्थानीय लोगों को समझाइश देने का प्रयास किया। लेकिन, गुस्साई भीड़ मुआवजे की मांग पर अड़ी रही। पुलिस की समझाइश के बाद चक्काजाम खत्म कराया। मृतक खिलेश कक्षा बारहवीं का छात्र था। मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम गतौरा में रहता था।

देर रात तक चला हंगामा, एक बजे खत्म हुआ आंदोलन

चक्काजाम की जानकारी मिलते ही मस्तूरी विधायक के बेटे अरविंद लहरिया भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने युवक के परिवार वालों को उचित मुआवजा देने की मांग की। मुआवजे को लेकर देर रात तक हंगामा चलता रहा। पुलिस की तरफ से कहा गया कि मुआवजा देने का काम राजस्व विभाग करता है। ऐसे में पुलिस कुछ नहीं कर सकती।

मंगलवार (7 अक्टूबर) को उन्होंने राजस्व अफसरों से बात करने का भरोसा दिलाया। साथ ही आरोपी ट्रेलर ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज करने की बात कही। आखिरकार, रात करीब एक बजे लोगों को समझाइश देकर शांत कराया गया, तब जाकर चक्काजाम खत्म हुआ।

कोविड में पिता को खोया, मामा ने किया पालन-पोषण

मृतक खिलेश चंद्राकर के पिता संतराम चंद्राकर की मौत साल 2020 में कोविड संक्रमण के दौरान हो गई थी। इसके बाद से खिलेश का पालन-पोषण गतौरा निवासी उसके मामा नीरज चंद्राकर ने किया।

खिलेश चन्द्राकर ग्राम भनेश्वर के मिशन स्कूल में कक्षा 12वीं का छात्र था। वह परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी मौत की खबर से घर में मातम का माहौल है। उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।

 

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