छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में अपने मानसिक रूप से बीमार बेटे के इलाज के लिए पिता ने 3 साल के मासूम की बलि चढ़ा दी। मिठाई-बिस्कुट खिलाने के बहाने बच्चे को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। फिर घर में पूजा पाठ कर लोहे की छुरी से मासूम का गला काट दिया।
सवा साल से पुलिस बच्चे की तलाश कर रही थी। इस बीच आरोपी राजू कोरवा (40) ने गांव में ही किसी को बता दिया कि, उसने ‘महापूजा’ की है। शक के आधार पर पुलिस ने उसे पकड़ा। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर बताया कि उसने बच्चे की हत्या की है। मामला सामरी थाना क्षेत्र के सुलुगडीह का है।
मंगलवार को SDM से अनुमति मिलने के बाद लापता बच्चे का कंकाल नाले के पास से बरामद किया गया है। आरोपी ने बच्चे के सिर को पहले घर में छुपाया और धड़ को नाले के पास दफन कर दिया। इसके बाद डर के कारण सिर को भी नाले के पास दफना दिया।
दरअसल, सुलुगडीह निवासी रसोइया बिरेंद्र नगेशिया (24) पत्नी दयामुनि के साथ इलबासा जंगल में झोपड़ी बनाकर 29 मार्च 2024 से महुआ बीनने का काम कर रहा था। इस बीच उनका 3 साल का बेटा अजय नगेशिया 1 अप्रैल 2024 को जंगल से लापता हो गया। 6 अप्रैल को उसने बच्चे के गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई।
सवा साल बाद पुलिस को मिला सुराग
बलरामपुर एसपी वैभव बैंकर ने बताया कि, गुमशुदगी के बाद लगातार खोजबीन की जा रही थी। इस बीच मृतक के दादा और एक सहयोगी को सूचना मिली कि, राजू कोरवा ‘बड़ा पूजा’ की बात कर रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने राजू कोरवा को हिरासत में लिया। पहले तो उसने नशे में बात कहना बताकर टालने की कोशिश की, लेकिन सख्ती से पूछताछ में उसने पूरी घटना स्वीकार कर ली
बेटे को ठीक करने की लालसा में दी बलि
पूछताछ में राजू कोरवा ने बताया कि, उसका बड़ा बेटा (12 साल) बचपन से मानसिक रूप से कमजोर है। उसे मिर्गी की बीमारी है। किसी ने उससे कहा था “महादानी देवता” को बच्चे की बलि देने से वह ठीक हो जाएगा। अंधविश्वास के चलते इस सोच ने उसे हैवान बना दिया।
1 अप्रैल 2024 को राजू कोरवा इलबासा के जंगल में गया था, जहां उसे अजय नगेशिया अकेले घूमते मिला। राजू कोरवा उसे मिठाई और बिस्कुट देने का लालच देकर अपने घर कटईडीह ले आया। उसने घर में “महादानी देवता” की पूजा की और अजय की गला काट काटकर उसकी बलि चढ़ा दी।
सिर अलग कर घर में छुपाया, धड़ को नाले के पास दफनाया
हत्या के बाद आरोपी ने बच्चे का सिर घर में सुरक्षित रखा, जबकि धड़ को गांव के बाहर नाले के पास दफन कर दिया। जब गांव में बच्चे की खोजबीन शुरू हुई, तो आरोपी ने डर के मारे सिर को भी नाले के पास दफन कर दिया।
आरोपी के बताने पर एसडीएम कुसमी के आदेश और तहसीलदार की मौजूदगी में नाले के पास खुदाई कराई गई। पुलिस को वहां से सिर और धड़ की हड्डियां बरामद हुईं। हत्या में इस्तेमाल लोहे की छुरी भी जब्त कर ली गई है।
कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी को भेजा गया जेल
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 363 (अपहरण), 302 (हत्या), और 201 (सबूत मिटाना) के तहत केस दर्ज किया। सामरी थाना प्रभारी विजय प्रताप सिंह की टीम ने आरोपी राजू कोरवा को 15 जुलाई को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।