रायपुर के बेबीलोन होटल में मंगलवार रात 9 बजे अचानक लग गई। टॉवर में फंसे 47 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह और एसएसपी डॉ लाल उम्मेद सिंह के नेतृत्व में रात 1 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। रात 3 बजे तक फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पा लिया।
आग कितने बजे लगी और किस तरह से रेस्क्यू किया गया
तेलीबांधा थाना निरीक्षक नरेंद्र मिश्रा के मुताबिक रात 9.11 बजे बेबीलोन टॉवर में आग लगने की सूचना मिली। तेलीबांधा थाना से 9.13 बजे डायल 112 की गाड़ी पहुंची। जिसके बाद कंट्रोल रूम को सूचना दी गई। 9.20 बजे एक दमकल की गाड़ी भी पहुंच गई थी।
बी ब्लॉक के तीसरे फ्लोर में एक शख्स के साथ अंदर गया और इस दौरान दमकलकर्मी भी पहुंचे। टॉर्च से एक-एक फ्लोर चेक करके आग बुझाते हुए सातवें फ्लोर तक पहुंचे। सातवें फ्लोर में आग ज्यादा लगी हुई थी।
दमकल कर्मियों ने पांच मिनट में आग पर काबू पा लिया। इस फ्लोर में 8 लोग फंसे थे। इन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। फ्लोर में धुंआ ज्यादा था, इसलिए लोगों को रेस्क्यू करके आठवें फ्लोर की तरफ बढ़े।
आठवें फ्लोर में आग लगी थी, उसे बुझाकर हम लोग छत की तरफ बढ़े। छत में 40 लोग मौजूद थे। उनमें से एक बुजुर्ग पैनिक हो रहे थे। सभी 47 लोगों को रेस्क्यू टीम सुरक्षित अपने साथ लेकर नीचे आई।
फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं किया काम
रेस्क्यू अभियान खत्म होने के बाद रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह और एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने रात 11.30 घटनास्थल का मुआयना किया। ग्राउंड फ्लोर से लेकर टॉप फ्लोर तक मीडिया के साथ दोनों अधिकारी पहुंचे।
सातवें और आठवें फ्लोर में आगजनी से सबसे ज्यादा नुकसान दिखा। जिस समय अधिकारी निरीक्षण में थे, उस दौरान भी रेस्क्यू टीम आग बुझा रही थी। दमकलकर्मियों ने बताया, कि हर फ्लोर में फायर फाइटिंग उपकरण है, लेकिन आगजनी के दौरान ऑटोमोड में ये काम नहीं किया और सिस्टम फेल हो गया।
सातवां-आठवां फ्लोर जलकर खाक आगजनी के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान सातवें और आठवें फ्लोर में हुआ है। सातवें और आठवें फ्लोर में लिफ्ट केबल की आग ने पीओपी को अपनी जद में ले लिया। इन दोनों फ्लोर में बने ऑफिस और उनका सामान जलकर खाक हो गया। आगजनी होने के बाद टॉवर में ऑफिस चलाने वाले कारोबारी अपने नुकसान का आकलन करने पहुंचे। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस कर्मियों ने पहले उन्हें मना
समय पर नहीं पहुंचती रेस्क्यू टीम तो हो सकता था बडा हादसा
टॉवर के टॉप फ्लोर में सांगरिया रूफ टॉप रेस्टोरेंट है। जिस समय लिफ्ट केबल में आग लगी, तो रेस्टारेंट में बैठे सभी लोग फंस गए। लिफ्ट बंद होने और आग लगने के कारण रेस्टोरेंट में मौजूद लोग नीचे उतरने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे।
रेस्क्यू करते हुए पहुंची टीम ने जब उनका हौसला बढ़ाया, तब वो नीचे आए। रेस्क्यू टीम अगर समय पर नहीं पहुंचती, तो मंगलवार देर रात बड़ा हादसा हो सकता था।
शहर के हाईराइज बिल्डिंग्स की जांच होगी- कलेक्टर
कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने आगजनी के मामले का पता लगाने के लिए अधिकारियों को जांच करने के निर्देश दिए हैं। टीम का गठन किया गया। इस घटना के अलावा शहर के कई हाईराइज बिल्डिंग्स की टीम जांच करेगी और फॉयर ऑडिट करेगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच तय होगी।