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बाराबंकी: PCS अधिकारी की गाड़ी से बत्ती-हूटर उतरवाने वाले दारोगा लाइन हाजिर, वाहवाही लूटने के लिए बनाया था वीडियो

उत्तर प्रदेश में लाल-नीली बत्ती और हूटर लगी गाड़ियों पर एक्शन लिया जा रहा है. इस क्रम में बाराबंकी में एक पीसीएस अधिकारी की पर्सनल गाड़ी से भी बत्ती और हूटर हटाने का काम किया गया. हालांकि, इस दौरान अधिकारी गाड़ी में मौजूद नहीं थीं. इस कार्रवाई को ट्रैफिक पुलिस और नगर कोतवाली पुलिस ने अंजाम दिया. घटना का वीडियो भी बनाया गया. जिसके बाद अब दारोगा के खिलाफ एक्शन ले लिया गया.

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दरअसल, बीती रात बाराबंकी पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाया हुआ था तभी शहर के पटेल तिराहे से एक लाल-नीली बत्ती और हूटर लगी गाड़ी निकली तो उसे रुकवा लिया गया. गाड़ी में कोई अधिकारी नही था. सिर्फ ड्राइवर मौजूद था. ट्रैफिक पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो वह अकड़ गया और बोला कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट साहब की निजी गाड़ी है.

जिसपर ट्रैफिक पुलिस और नगर कोतवाली पुलिस ने वीआईपी कल्चर के तहत लगी लाल-नीली बत्ती उतरवाकर गाड़ी का चालान कर दिया और हिदायत देते हुए गाड़ी को छोड़ दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. घटना के बाद चालान करने वाले दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया. जिसके चलते मामला चर्चा में आ गया है.

जानिए पूरा मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाराबंकी में पुलिस ने चेकिंग के दौरान जिस गाड़ी को रोका था वो पीसीएस मधुमिता सिंह की गाड़ी थी. वह रामनगर तहसील में बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट (न्यायिक) पोस्टेड हैं. उनकी गाड़ी पर बत्‍ती और हूटर लगा हुआ था, जिसे पुलिस ने उतरवा दिया. वाहवाही बटोरने के चक्‍कर में पुलिसकर्मियों ने इसका वीडियो भी बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसके चलते एसएसपी ने दो दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया.

वीडियो हुआ वायरल तो एक्शन में आ गए अधिकारी

गौरतलब है कि पीसीएस अधिकारी की गाड़ी का चालान कटने और उसका वीडियो वायरल होने के बाद दारोगा पर एक्शन ले लिया गया. दारोगा को लाइन हाजिर किया गया है. मामले का एक लेटर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें नगर कोतवाली में तैनात दरोगा विशुन कुमार शर्मा और आवास विकास चौकी इंचार्ज मनोज कुमार सिंह को लाइन हाजिर किए जाने की बात कही गई है. हालांकि, इस पर पुलिस का कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.

इस बीच कुछ लोगों ने इस मामले में एक महिला आईएएस अधिकारी का नाम जोड़ दिया, जिसका डीएम कार्यालय ने खंडन किया और बताया कि इस नाम का कोई आईएएस अधिकारी जिले में नहीं है. डीएम सत्येंद्र कुमार ने बताया कि गाड़ी में कोई आईएएस या पीसीएस अधिकारी नहीं बैठा हुआ था. ये एक पीसीएस अधिकारी की गाड़ी थी, जो कि एक्स्ट्रा मजिस्ट्रेट के पद पर हैं.

उन्होंने जानकारी दी कि पुलिस ने नॉर्मल चेकिंग के दौरान गाड़ी रोकी थी. ये चेकिंग यातायात सप्ताह के चलते की जा रही थी. जिले में कोई भी आईएएस दिव्या सिंह के नाम कार्यरत नहीं है. कुछ लोगों ने भ्रामक खबर फैलाई है.

वहीं, पुलिस के वायरल लेटर की सच्चाई का पता लगाने के लिए जिले के SP दिनेश कुमार सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नही हो सका. मामले में कोई अधिकारी खुलकर नहीं बोल रहा है.

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