भारत सरकार ने कनाडा को एक बार फिर दो टूक जवाब दिया है. कनाडा सरकार के आरोपों को लेकर भारत ने कहा है कि ट्रूडो सरकार बिना कोई सबूत पेश किए लगातार निराधार आरोप लगा रही है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इसे ट्रूडो का राजनीतिक हथकंडा बताया है.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक रविवार को कनाडा की ओर से एक राजनयिक संदेश मिला, जिसमें कनाडा में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिकों को एक केस में ‘पर्सन ऑफ इंट्रस्ट’ बताया गया है. यानी कनाडा सरकार भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिकों को इस मामले में संदिग्ध मान रही है. हालांकि किस केस में वो संदिग्ध हैं ये नहीं बताया गया है लेकिन माना जा रहा है कि यह पूरा मामला आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड से जुड़ा है.
कनाडा सरकार को जमकर लगाई लताड़
कनाडा सरकार की इस हिमाकत पर भारत ने जमकर लताड़ लगाई है. विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो सरकार की ओर से लगाए गए आरोपों को बेतुका बताते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो राजनीतिक एजेंडे के चलते इस तरह के निराधार आरोप लगाकर भारत की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. भारत सरकार ने कहा है कि ट्रूडो सरकार का ये एजेंडा वोट बैंक की राजनीतिक से प्रेरित है.
कनाडा ने नहीं दिया कोई भी सबूत
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सितंबर 2023 में ट्रूडो की ओर से निराधार आरोप लगाने के बाद से कनाडा सरकार ने एक भी सबूत पेश नहीं किया है, जबकि भारत सरकार कई बार इस मामले में सबूतों की मांग कर चुकी है. MEA ने कहा है कि ट्रूडो सरकार ने यह कदम उन बातचीत के बाद उठाया है जिसमें उन्होंने किसी भी तरह का कोई सबूत या तथ्य पेश नहीं किया है. भारत ने संदेह जताया है कि निज्जर हत्याकांड की पूरी जांच के जरिए भारत की छवि को खराब कर राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश की जा रही है.
ट्रूडो का राजनीतिक एजेंडा बेनकाब
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी एजेंडा पहले ही बेनकाब हो चुका है. विदेश मंत्रालय ने 2018 में ट्रूडो के भारत दौरे को वोट बैंक राजनीति को साधने की कोशिश का हिस्सा बताया और कहा कि तब ट्रूडो का यह दांव उल्टा पड़ गया था. MEA ने कहा है कि 2020 में भारत की आंतरिक राजनीति में ट्रूडो के दखल ने दिखाया है कि वह राजनीतिक हितों को साधने के लिए क्या कुछ कर सकते हैं. सरकार ने कहा कि ट्रूडो कैबिनेट में कई ऐसे लोग शामिल हैं जो सीधे तौर पर भारत विरोधी कट्टरवाद और अलगाववाद से प्रेरित हैं.
अभिव्यक्ति के नाम पर आतंकियों को पनाह
भारत ने कहा है कि ट्रूडो सरकार जानबूझकर कनाडा में ऐसे हिंसक और कट्टरपंथी आतंकियों को पनाह दी है जो भारतीय राजनयिकों और नागरिकों को डराने-धमकाने का प्रयास करते रहे हैं. इसमें भारतीय राजनयिकों और नेताओं को जान से मारने की धमकी भी शामिल है. कनाडा सरकार अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ऐसे लोगों को सही ठहराती है. बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जो अवैध तरीके से कनाडा की सीमा में घुसे उन्हें नागरिकता देने के लिए तेजी दिखाई गई, वहीं भारत सरकार ने कई बार कुछ आतंकियों और संगठन के लीडर्स के प्रत्यर्पण की मांग की लेकिन कनाडा ने उसे स्वीकार नहीं किया.
भारत के पास जवाबी कार्रवाई का अधिकार
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा भारत के सबसे वरिष्ठ राजनयिकों में से एक हैं. करीब 36 साल के करियर में वह जापान और सूडान के एंबेसडर रह चुके हैं. साथ ही उन्होंने इटली, तुर्किए, वियतनाम, और चीन में भी सेवाएं दी हैं. भारतीय उच्चायुक्त पर कनाडा सरकार के आरोपों को विदेश मंत्रालय ने हास्यास्पद बताया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत में कनाडाई उच्चायोग की गतिविधियों पर सरकार ने संज्ञान लिया है जो ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे को पूरा कर रहे हैं. भारत की ओर से कहा गया है कि कनाडा सरकार की ओर से राजनयिकों के खिलाफ लगाए गए आरोप के जवाब में भारत अब कठोर कदम उठाने का अधिकार रखता है.