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मालिक की DP लगाई और GM को भेजा एक मैसेज, खाते में मंगाए 2.7 करोड़; पान मसाला बनाने वाली कंपनी से ठगी

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से जालसाजी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां पान मसाला बनाने वाली कंपनी के मालिक की डीपी वाले वाट्सऐप नंबर से मैसेज आने पर जीएम ने दो खातों में कुल 2.7 करोड रुपये ट्रांसफर कर दिए. कुछ देर बाद मालिक से बात होने पर पता चला कि उन्होंने ऐसा कोई मैसेज नहीं किया था. उसके बाद कंपनी के लोग आनन-फानन में साइबर थाने पहुंचे. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी. जिन खातों में पैसा गया था, उनमें से मात्र 45 लाख रुपये पुलिस होल्ड करा सकी है.

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गोरखपुर में शुद्ध प्लस कंपनी पान मसाला बनाती है. कम्पनी के जीएम रमेश कुमार ने पुलिस से शिकायत की कि आज वह कंपनी का जरूरी काम निपटा रहे थे. इसी बीच, अनजान नंबर से मालिक की डीपी लगे हुए वाट्सऐप नंबर से मैसेज आया कि मैंने एक गोपनीय नंबर लिया है. इससे कुछ जरूरी बात केवल मैसेज से ही होगी. साथ ही जरूरी बात यह है कि मैं दो खाते भेज रहा हूं. उनमें से एक में 90 लाख और दूसरे में 1.80 करोड रुपये ट्रांसफर कर देना. बहुत जरूरी है, जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी कर देना.

जीएम ने बताई पूरी कहानी

जीएम रमेश कुमार ने बताया कि मैंने तत्काल पैसे को बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिया. कुछ देर के बाद मलिक अमर तुलस्यान का फोन आया. उन्होंने बातचीत के दौरान कुछ जानकारी ली. इसी दौरान मैंने उनको बताया कि आपने जो खाता दिया था, उसमें मैंने पैसे ट्रांसफर कर दिए. उन्होंने कहा कि ऐसा तो मैंने कोई खाता आपको दिया नहीं था. आपसे से तो मेरी बात भी नहीं हुई है. मेरे यह कहने पर कि आपने नया नंबर लिया, उसी से आपने मुझे मैसेज किया था, तो उन्होंने कहा मैंने कोई नया नंबर नहीं लिया है. मेरा वही पुराना नंबर है. उनके यह पूछने पर क्या हुआ, बात बताओ, तो मैंने बताया कि इस तरह से दो खातों में मैंने दो करोड़ 70 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए हैं.

एसपी क्राइम सुधीर जायसवाल ने बताया कि शिकायत मिलते ही साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी. दो खातों कुल 2 करोड़ 70 लाख रुपए भेजने की बात सामने आ रही है. पुलिस ने छानबीन शुरू की तो एक खाते में 45 लाख रुपया बचा हुआ था, उसे तत्काल होल्ड करा दिया गया. जिन खातों में पैसे गए हैं उनके विषय में पुलिस जांच कर रही है, जल्द ही सारा मामला सामने आ जाएगा.

15 मिनट पहले साइबर थाने पहुंचने पर बच सकता था एक करोड़

जालसाजी की जानकारी होने पर जीएम रमेश कुमार घबरा गए. वह इधर-उधर घूमते रहे.इसी बीच कुछ कर्मचारियों के सुझाव पर वह बैंक पहुंचे. यस बैंक के खाते में 90 लाख व आइसीआइसीआइ बैंक के खाते में 1.80 करोड रुपए ट्रांसफर हुए थे. दोनों बैंकों ने पैसों को होल्ड करने से मना कर दिया. इसके बाद वह साइबर थाने पहुंचे. उस समय तक केवल खाते में 45 लाख रुपए ही बचे थे, जिसे पुलिस ने होल्ड करा दिया. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जिस नंबर से जालसाजी की गई थी उसको सर्विलांस पर लगा दिया गया है. उस नंबर पर मिलाने पर वह बंद आ रहा है. पुलिस ने इस नेटवर्क के तह तक जाने के लिए जांच शुरू कर दी है.

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