प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में रविवार को नाइजीरिया में भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया. वह 17 वर्षों में पश्चिम अफ्रीकी देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. पीएम मोदी ने राजधानी अबुजा में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री के तौर पर ये मेरी पहली नाइजीरिया यात्रा है, लेकिन मैं अकेला नहीं आया हूं, मैं अपने साथ भारत की मिट्टी की महक लेकर आया हूं और करोड़ों भारतीयों की ओर से आप सभी के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं लेकर आया हूं. भारत की प्रगति से आप खुश होते हैं और आपकी प्रगति से हर भारतवासी का सीना चौड़ा हो जाता है और मेरा तो 56 इंच हो जाता है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाइजीरिया में रह रहे प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा, ‘यहां जिस तरह का मेरा स्वागत हुआ वह अद्भुत है. कुछ समय पहले, मुझे नाइजीरिया के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया. ये सिर्फ मोदी का सम्मान नहीं है, ये सम्मान भारत के करोड़ों लोगों का है और ये सम्मान आप सभी का है. मैं विनम्रतापूर्वक ये सम्मान आप सभी को समर्पित करता हूं.’ उन्होंने कहा कि आज भारत की अनेक कंपनी नाइजीरिया की पूरी इकोनॉमी को ताकत दे रही हैं. भारतीय कम्युनिटी, नाइजीरिया के विकास के लिए कंधा से कंधा मिलाकर चल रही है और यही तो भारत के लोगों की बहुत बड़ी ताकत है. हम दूसरे देश में भले आ जाएं, लेकिन सर्वहित के अपने संस्कार नहीं भूलते. हमारे लिए पूरा विश्व एक परिवार है. पीएम मोदी ने नाइजीरिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों को प्रयागराज महाकुंभ 2025 और काशी आने के लिए निमंत्रित किया.
भारत-नाइजीरिया के पास-डेमोग्राफी की ऊर्जा है: PM मोदी
An invitation to the Indian diaspora! pic.twitter.com/uhdVzQ5tEn
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2024
पीएम मोदी ने कहा कि गांधी जी लंबे समय तक अफ्रीका में रहे थे. उन्होंने अफ्रीका के लोगों का सुख-दुख साझा किया. गुलामी के उस दौर में भारत और नाइजीरिया के लोगों ने आजादी के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी और जब भारत आजाद हुआ तो उसने नाइजीरिया के आजादी के आंदोलन को भी प्रेरित किया. आज भारत और नाइजीरिया संघर्ष के दिनों के साथी की तरह एक साथ आगे बढ़ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत MOTHER OF DEMOCRACY है, तो नाइजीरिया अफ्रीका की सबसे बड़ी DEMOCRACY है. हम दोनों देशों के पास- डेमोक्रेसी की समानता है. हम दोनों देशों के पास- डायवर्सिटी की समानता है. हम दोनों देशों के पास-डेमोग्राफी की ऊर्जा है.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज भारत, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वह दिन दूर नहीं जब भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा. गुलामी के लंबे कालखंड ने हमारी इकोनॉमी को तहस-नहस कर दिया था. चुनौतियों से लड़ते हुए 6 दशक में भारत की अर्थव्यवस्था ने एक ट्रिलियन डॉलर का पड़ाव पार किया है. बीते एक दशक में भारत ने अपनी GDP ने करीब 2 ट्रिलियन डॉलर और जोड़ दिया. एक दशक में भारत की इकोनॉमी का साइज डबल हो गया है. आज भारत में 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप रजिस्टर हैं. पिछले दशक में 100 से अधिक यूनिकॉर्न बने हैं. एक यूनिकॉर्न का मतलब है 8,000-10,000 करोड़ रुपये की कंपनी. 100 से अधिक कंपनियां भारत की स्टार्टअप संस्कृति की सफलता का प्रमाण हैं.’
भारत वैश्विक मंचों पर उठाता है अफ्रीका की आवाज: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम इसे इसलिए हासिल कर पाए क्योंकि भारत अपने कंफर्ट जोन से बाहर आ गया. स्पेस इंडस्ट्री में भारत की प्रगति की दुनिया तारीफ कर रही है. भारत ने तय किया है कि जल्द ही अपने गगनयान के जरिए भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. भारत भी अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बनाने जा रहा है. कंफर्ट जोन को छोड़कर नए रास्ते बनाना भारत का दूसरा स्वभाव बन गया है. पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है. बीते सालों में अफ्रीका की आवाज को वैश्विक मंचों पर उठाने के लिए भारत ने हर संभव प्रयास किया है. जब भारत को पहली बार G20 की प्रेसीडेंसी मिली, तो हमने अफ्रीकन यूनियन को परमानेंट मेंबर बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया और भारत को इसमें सफलता भी मिली.’
उन्होंने कहा, ‘भारत विकास, शांति, समृद्धि और लोकतंत्र का प्रतीक बनकर दुनिया के लिए एक नई आशा बनकर उभरा है. जब भी विश्व स्तर पर कोई समस्या उत्पन्न होती है, भारत विश्व बंधु या वैश्विक मित्र के रूप में कार्य करते हुए सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाता है. कोविड-19 महामारी के दौरान, जब दुनिया भर के देशों को वैक्सीन की सख्त जरूरत थी, भारत ने यथासंभव अधिक से अधिक देशों को टीके उपलब्ध कराने की पहल की.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाइजीरिया के बाद ब्राजील और गयाना भी जाएंगे. वह ब्राजील में ट्रोइका सदस्य के तौर पर जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. वह राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के निमंत्रण पर गयाना जा रहे हैं, जो 50 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की पहली यात्रा है. गयाना में पीएम मोदी कैरेबियाई देशों के नेताओं के साथ दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
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