राजनांदगाँव में इंटरनेशनल साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़: 10 करोड़ की ठगी में शामिल तीन आरोपी गिरफ्तार

राजनांदगाँव पुलिस ने हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह कंबोडिया से संचालित एक कॉल सेंटर के जरिए भारत के लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं और पूरे मामले में अब तक 10 करोड़ रुपए की ठगी का पता चला है.

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इस ठगी के तरीके में आरोपियों ने म्यूल बैंक एकाउंट्स (किराए पर दिए गए बैंक अकाउंट्स) का इस्तेमाल किया. पहले वे भारतीय नागरिकों से पैसे ठगते थे और फिर इन पैसों को म्यूल एकाउंट्स में ट्रांसफर कर कंबोडिया स्थित कॉल सेंटर तक पहुंचा देते थे. इसके बाद इन पैसों को एक्सचेंज कर वापस कंबोडिया भेजा जाता था.

आरोपियों की गिरफ्तारी: गिरफ्तार आरोपियों में से एक को गुजरात से और दो को छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ क्षेत्र से पकड़ा गया है. पुलिस ने इनके खिलाफ साइबर ठगी, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से भारतीय नागरिकों को निशाना बना रहा था, और अब तक 10 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की जा चुकी है.

गिरोह की कार्यप्रणाली: इस ठगी का नेटवर्क कंबोडिया में स्थित कॉल सेंटर से ऑपरेट हो रहा था। यहां पर बैठे ठग भारतीयों को आकर्षक ऑफर्स और फर्जी कंपनियों के नाम पर झांसा देते थे. फिर, वे इन लोगों से पैसे वसूलते और यह रकम म्यूल एकाउंट्स के जरिए एकत्रित कर कंबोडिया भेज देते थे. म्यूल एकाउंट्स वो बैंक अकाउंट होते हैं जिनका इस्तेमाल ठगी के पैसे को धोखे से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है.

पुलिस की कार्रवाई: राजनांदगांव पुलिस के एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि गिरोह के पकड़े गए तीन आरोपियों के मोबाइल फोन और बैंकिंग डिटेल्स की जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजे गए हैं.पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी बैंक कर्मचारियों और गिरोह के अन्य सदस्यों की भूमिका हो सकती है.जांच जारी है और पुलिस ने अन्य आरोपियों की तलाश के लिए विशेष टीम गठित की है.

आगे की जांच: पुलिस के अनुसार, इस मामले में जो साक्ष्य सामने आए हैं, उनसे यह संकेत मिलता है कि बैंक कर्मचारियों और अन्य एजेंसियों की संलिप्तता हो सकती है। इस मामले में आगे की जांच और पूछताछ के बाद पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी कर सकती है.

एसपी ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह भारतीय नागरिकों से बड़ी रकम ठगने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस को उम्मीद है कि पूरी जांच के बाद यह ठगी का बड़ा नेटवर्क उजागर होगा, जो भारतीय और अन्य देशों में अपने जाल फैला चुका है।

पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल या ऑनलाइन ऑफर पर विश्वास न करें और हमेशा सतर्क रहें। इसके अलावा, जो लोग बैंक अकाउंट्स से जुड़ी जानकारी साझा करते हैं, उन्हें चाहिए कि वे अपना खाता सुरक्षित रखें और बैंकिंग संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पुलिस के पास रिपोर्ट करें.

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