पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रविवार को इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में एक रैली आयोजित की. कार्यकर्ता अपने नेता इमरान खान की रिहाई की मांग कर रहे थे. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा.
पीटीआई इमरान की रिहाई के लिए समर्थन हासिल करने की खातिर रविवार को इस्लामाबाद में रैली कर रही थी, जो पिछले अगस्त से जेल में बंद हैं. जिला एवं सत्र अदालत द्वारा इद्दत मामले में उनकी सजा के खिलाफ अपील स्वीकार करने के बाद इमरान के जेल से रिहा होने की उम्मीद थी.
हालांकि, कुछ ही समय बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने उन्हें एक नए तोशाखाना मामले में गिरफ्तार कर लिया. पिछले दो तोशखाना मामलों में उनकी सजा पहले ही निलंबित कर दी गई थी, जबकि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने उन्हें सिफर मामले में भी बरी कर दिया था.
We all must strongly condemn the brutal act of violence against families and those attending the peaceful political event of PTI in Islamabad. Police have started shelling and attacking attendees for no reason whatsoever. Cowardly and disgraceful by any standards.… pic.twitter.com/C9rmCun1yh
— Sayed Z Bukhari (@sayedzbukhari) September 8, 2024
इस्लामाबाद पुलिस ने पीटीआई कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. इस दौरान इमरान समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई. रैली की शुरुआत पार्टी नेता हम्माद अज़हर द्वारा भीड़ को संबोधित करने से हुई. उन्होंने कहा कि समर्थक आज देश में कानून का शासन और संविधान की सर्वोच्चता स्थापित करने के लिए इकट्ठा हुए हैं.
उन्होंने कहा कि आज कोई भी बाधा कार्यकर्ताओं को डिगा नहीं पाएगी. रैली में बोलते हुए, पीटीआई नेता अली मुहम्मद खान ने इमरान की रिहाई की मांग की और अफसोस जताया कि कैसे पार्टी के नेताओं को सरकार द्वारा ‘दरकिनार’ किया जा रहा है.
अली मुहम्मद ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा दिन आएगा जब पाकिस्तान को बचाने के लिए हमारी पार्टी बनाने वाले इमरान खान को जेल में डाल दिया जाएगा.’
पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के अनुसार रैली के अंत में, पीटीआई समर्थक पुलिस से भिड़ गए क्योंकि पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फोटो और वीडियो में पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ते हुए देखा जा सकता है.
पुलिस के अनुसार, स्थानीय प्रशासन ने रैली के लिए एक समय सीमा निर्धारित की थी, लेकिन समय सीमा पूरी होने के कारण, पुलिस को समर्थकों को तितर-बितर करने का प्रयास करना पड़ा, जिसके कारण झड़पें हुईं और आखिरकार आंसू गैस के गोले दागने पड़े.