इंटरनेशनल बैंकर और राजनीतिक रणनीतिकार अंशुमान मिश्रा ने खुलासा किया है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले साल भारत का दौरा करने की योजना बना रहे हैं. अंशुमान का कहना है कि उन्हें यह जानकारी ट्रंप ने दी है. उन्होंने कहा कि वह चुनावी दिनों में ट्रंप और उनके परिवार के साथ फ्लोरिडा स्थित रिसॉर्ट में थे. मिश्रा ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में यह जानकारी दी.
बता दें कि अंशुमान मिश्रा उन चुनिंदा लोगों में से एक थे जिन्हें ट्रंप की चुनावी जीत की खुशी मनाने के लिए उनके परिवार के साथ मार-ए-लागो बुलाया गया था. उन्होंने जश्न की कई तस्वीरें भी साझा की हैं.
भारत की राजनीतिक रैलियों से प्रभावित ट्रंप
अंशुमान मिश्रा ने बताया कि ट्रंप पीएम मोदी की भारत में चुनावी रैलियों से काफी प्रभावित हैं. उन्होंने यह भी बताया कि ट्रंप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भीड़ जुटाने की क्षमता से काफी प्रभावित हैं. बकौल अंशुमान मिश्रा ट्रंप ने कहा, ‘मैं सोचता था कि मैं बड़ी रैलियों करता हूं. फिर मैं अहमदाबाद में गया और आपके नेता ने मुझे असली भीड़ दिखा दी.’ ह्यूस्टन में हाउडी, मोदी! इवेंट का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि जिस तरह से आप लोग रैलियां करते हैं, हम कभी सपने में भी ऐसा नहीं सोच सकते.
ट्रंप और व्यापार शुल्क
अंशुमान मिश्रा ने बताया कि ट्रंप और मोदी में काफी अच्छे रिश्ते हैं. लेकिन ट्रंप अमेरिकी आर्थिक हितों को प्राथमिकता देने के लिए तैयार हैं, जिसमें व्यापार शुल्क लगाने की संभावना भी शामिल है, भले ही इससे सहयोगी देशों को नुकसान हो. चुनाव प्रचार के दौरान भी उन्होंने सभी आयातों पर 20 प्रतिशत कर और चीनी वस्त्रों पर 60 प्रतिशत शुल्क लगाने का वादा किया था.
अंशुमान मिश्रा ने कहा कि ट्रंप ‘अमेरिका फर्स्ट’ के लिए वास्तव में गंभीर हैं. क्योंकि वह समझते हैं कि अमेरिका मुश्किलों का सामना कर रहा है.
अमेरिका-भारत संबंधों का ‘गोल्डन एरा’
अंशुमान मिश्रा का कहना है कि वे अमेरिका-भारत संबंधों के बारे में आशावादी हैं और उन्होंने भविष्यवाणी की कि ट्रंप का दूसरा कार्यकाल अमेरिका और भारत के रिश्तों के लिए एक “गोल्डन एरा” का परिचायक हो सकता है. मिश्रा के अनुसार, ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मजबूत तालमेल इस संबंध को मजबूत करने में एक अहम भूमिका निभाएगा.
चीन से कोई सौदा नहीं
जब उनसे पूछा गया कि क्या ट्रंप चीन से कोई समझौता करेंगे यदि उन्हें अनुकूल शर्तें दी जाएं, तो मिश्रा ने इस विचार को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि दोनों महाशक्तियों के बीच संबंधों की तनातनी के कारण ऐसा कोई समझौता संभव नहीं है. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ऐसा माहौल है जहां वह चीन से कोई डील करें.’
ये खबर भी पढ़ें
‘लेबनान में मेरे आदेश पर हुआ था पेजर हमला…’, PM नेतन्याहू ने बेबाक माना हिज्बुल्लाह वाला अटैक प्लान!