जांच चल रही, नहीं लेंगे एप्लिकेशन’… जौनपुर सीवर लाइन हादसे में गई प्राची मिश्रा की जान, सीओ ने बहन को ऑफिस से लौटाया

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में मछलीशहर पड़ाव हादसे में हुई 3 लोगों की मौत के मामले में मृतक प्राची मिश्रा की बड़ी बहन साक्षी गुरुवार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने एसपी ऑफिस पहुंची. एसपी नहीं मिले तो सीओ से मुलाकात कर एफआईआर की मांग की. आरोप है कि सीओ ने नगर पालिका, बिजली विभाग समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार करते हुए पीड़ित परिजनों को लौटा दिया.

दरअसल, 25 अगस्त को जौनपुर के मछलीशहर पड़ाव पर हुए हादसे में 3 लोगों की जान चली गई थी. ब्यूटी पार्लर सीखकर घर जा रही मियांपुर की रहने वाली प्राची मिश्रा (22) खुले नाले में गिर पड़ी. इस दौरान उसे समीर और ई-रिक्शा चालक शिवा ने बचाने की कोशिश की, लेकिन वह हादसे का शिकार हो गए. शिवा की करेंट की चपेट में आने से तुरंत मौत हो गई, जबकि प्राची और समीर का शव सीवर लाइन से होते हुए डेढ़ किलोमीटर दूर नाले में बह गया था.

पुलिस, पीएसी, फायरब्रिगेड की टीम के अलावा प्राची और समीर को ढूंढने के लिए SDRF की टीमों ने 28 घंटे की कड़ी मेहनत की थी, तब जाकर दोनों शव मिले थे. तीनों का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें करेंट लगने से मौत होने की पुष्टि हुई. हादसे के बाद जिला प्रशासन ने दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए कथित तौर पर त्रिस्तरीय जांच कमेटी गठित करके नगर पालिका और विद्युत विभाग के अवर अभियंता, नगरपालिका के मेट और सफाई नायक को निलंबित करके खानापूर्ति कर लिया.

मृतक की बहन मुआवजा लेने से किया मना

स्थानीय विधायक और खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव के साथ जिला प्रशासन हादसे में मृत ई-रिक्शा चालक शिवा गौतम और ननिहाल आए प्रयागराज के रहने वाले समीर के रिश्तेदारों को 5 लाख का चेक देकर फोटो भी खिंचवा लिया. लेकिन जब प्राची मिश्रा के घर मंत्री और डीएम समेत अधिकारी मुआवजा देने गए तो मृतक की बड़ी बहन साक्षी ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया, उसने इस दौरान कहा कि आप किसी की जान की कीमत नहीं लगा सकते.

परिजन ने की सख्त कार्रवाई की मांग

मुआवजा देने के बजाय दोषियों पर कार्रवाई कीजिए, वो तो आप कर नहीं पा रहे हैं. मुआवजा हमें नहीं चाहिए. हालांकि, इसके बाद मंत्री समेत अधिकारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा था. मंगलवार को जब समीर के परिजन जौनपुर पहुंचे तो उन्होंने भी डीएम डॉ दिनेश चंद्र सिंह से मिलकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की. समीर के परिजनों ने भी कहा कि हमें पैसा नहीं न्याय चाहिए. इसके लिए हमें जहां तक जाना होगा हम जाएंगे.

खेल मंत्री ने दिया 5 लाख का चेक

हादसे के बाद बिना जांच रिपोर्ट आए ही अधीक्षण अभियंता विद्युत रमेश चंद्र ने तीनों मृतकों के परिजनों को 7 लाख 50 हजार रुपए मुआवजा देने की बात कहीं थी. हालांकि, खेलमंत्री ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर समीर और शिवा के परिजनों को 5 – 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का चेक देकर फोटो खिंचवाई. मुआवजे के मरहम में ढाई लाख की इस झोल को लेकर जब सोशल मीडिया पर लोगों ने ट्रोल किया तो बुधवार को अधीक्षण अभियंता ने मानवीय भूल बताकर माफी मांगी.

सीओ सिटी ने तहरीर लेने से किया मना

उन्होंने बताया कि साढ़े सात लाख रुपए की सहायता विद्युत विभाग के कर्मचारियों को केवल दी जाती है. गुरुवार को मृतक प्राची की बड़ी बहन अपनी मौसी निभा समेत अन्य लोगों के साथ जौनपुर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची. एसपी नहीं मिले तो क्षेत्राधिकारी सिटी देवेश कुमार सिंह से उनकी मुलाकात हुईं. आरोप है कि जब साक्षी ने 3 मौत के दोषी अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए क्षेत्राधिकारी को तहरीर दी, तो उन्होंने लेने से मना कर दिया.

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