ईरान और इजरायल में जारी सैन्य टकराव के बीच अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने ईरान की परमाणु स्थिति को लेकर अहम बयान जारी किया है. IAEA के निदेशक जनरल राफेल ग्रॉसी ने शुक्रवार को फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा कि ईरान के पास कई परमाणु वारहेड्स बनाने लायक सामग्री तो मौजूद है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह सक्रिय रूप से परमाणु हथियार बना रहा है.
राफेल ग्रॉसी ने कहा, “हमारे पास ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने की कोई ठोस योजना या सक्रिय कार्यक्रम का प्रमाण नहीं है.” हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ बिखरी हुई गतिविधियां जरूर देखी गई हैं, जिनकी निगरानी की जा रही है. हालांकि, इजरायली पीएम नेतन्याहू कई बार दावा कर चुके हैं कि ईरान अगले कुछ दिनों में हथियार हासिल करने वाला था, जिससे इजरायल को खतरा है और इससे पहले हमला करना बेहतर समझा.
कूटनीति के जरिए ईरान को परमाणु बम बनाने से रोका जा सकता है!
यूएन न्यूक्लियर चीफ ने यह उम्मीद भी जताई कि मौजूदा तनाव के बीच भी राजनयिक प्रयासों से ईरान को परमाणु हथियारों के निर्माण से रोका जा सकता है. ग्रॉसी ने बताया कि अमेरिका और ईरान दोनों के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बातचीत जारी है. UNSC की एक मीटिंग में राफेल ग्रॉसी ने कहा कि ईरान के परमाणु स्थलों पर हमलों के कारण परमाणु सुरक्षा और संरक्षा में भारी गिरावट आई है. हालांकि किसी भी रेडियोलॉजिकल रिलीज ने जनता को प्रभावित नहीं किया है, लेकिन खतरा बना हुआ है.
इजरायली हमलों के बीच बातचीत नहीं करना चाहता ईरान!
इस बीच, ईरान ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि जब तक इजरायल के हमले जारी हैं, वह अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर कोई बातचीत नहीं करेगा. यूरोपीय देश ईरान को दोबारा वार्ता की टेबल पर लाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं अमेरिका अब भी यह तय नहीं कर पाया है कि वह इजरायल के सैन्य अभियान में शामिल होगा या नहीं.
इजरायल के मिलिट्री कैंपेन के समर्थन पर ट्रंप दो हफ्ते में लेंगे फैसला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अगले दो हफ्तों में फैसला लेंगे कि अमेरिका ईरान के खिलाफ इजरायली हमलों में शामिल होगा या नहीं. इधर, इजराइल ने अपने सैन्य अभियान के एक सप्ताह पूरा होने पर दावा किया है कि उसने ईरान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है. दावे के मुताबिक, इस दौरान मिसाइल यूनिट्स, परमाणु हथियार बनाने से जुड़े रिसर्च सेंटर, और तेहरान सहित पश्चिमी और मध्य ईरान के एयरबेस शामिल हैं.