गौरेला पेंड्रा मरवाही : सुशासन वर्ष में किसानों को सूखती के नाम पर छला जा रहा है. खरीदी केंद्र में धान के उठाव में विलंब और सूखती का हवाला देकर किसानों को लूटने का काम बदस्तूर जारी है..
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के पेंड्रा धान खरीदी केंद्र में किसानों को सूखती के नाम पर छला जा रहा है यहां समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होने के बाद किसान अपना धान बेचने के लिए केंद्र में पहुंच रहे हैं जहां किसानों से सूखती के नाम पर अधिक धान देने को मजबूर हो रहे हैं.
शासन के नियमानुसार 17 प्रतिशत से कम नमी वाले धान की खरीदी में एक बारदाने में 40 किलों धान किसानों को दिया जाना निर्धारित किया गया है..जिसमे तौल के समय 700 ग्राम तक बारदाने के बदले अधिक धान लिया जा सकता है लेकिन पेंड्रा धान खरीदी केंद्र में धान बेचने पहुंचे किसान गोविंद राठौर , केवला राठौर ने बताया कि खरीदी केंद्रों में सूखती के नाम पर एक बारदाने 400 से 500 ग्राम अधिक धान लिया जा रहा है जिसमे किसानो से 41 किलो 100 ग्राम तक वजन तौला जा रहा है.
उनकी धान की नमी भी 14 प्रतिशत है. इससे किसानों का नुकसान हो रहा है.गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में 20 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं जहां 24 हजार 460 किसान पंजीकृत हुए हैं. वही जिले में अब तक 6 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है.
वहीं धान खरीदी केंद्रों से धान का उठाव ना होना एक बड़ी परेशानी भी बन गई है..जिसका खामियाजा अब किसानों को सूखती के नाम पर अधिक धान देकर चुकाना पड़ रहा है यहां धान खरीदी केंद्र के तौल कर्मचारी रमेश प्रसाद, महेश प्रसाद समिति के आदेश पर किसानों से शासन के नियम के विपरीत अधिक धान तौल कर रहे हैं, पेंड्रा धान खरीदी के प्रबंधक लखन सिंह मार्को भी अधिक तौल का कारण धान का उठाव ना होना और सूखती को ही बता रहे हैं.
जिले में 14 नवंबर से धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू है. जहा धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. धान खरीदी केंद्रों मेंव्यवस्थाओं के लिए प्रशासन के द्वारा जिला नोडलअधिकारी नियुक्त किया गया है साथ ही धान की गुणवत्ता और नमी की सही मात्रा सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए भी किए हैं. वही जिला नोडल अधिकारी विनय साहू ने भी सूखती के नाम पर अधिक धान लेने को गलत माना है और आवश्यक निर्देश देने की बात कही है.
किसानों के हित में वादे करने वाले ही किसानों का कर रहे शोषण – डॉ के.के. ध्रुव , पूर्व विधायक
धान खरीदी केंद्रों में धान का उठाव न होने और सूखती के नाम पर किसानों से छलावा को लेकर मरवाही पूर्व विधायक डॉक्टर के के ध्रुव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि धान उठाव कराने की पहले जिम्मेदारी प्रशासन की बनती है ताकि किसानों को परेशानी न हो.
शासन व प्रशासन को ध्यान देना चाहिए कि जो सुखत के नाम पर 1 क्विंटल में 1 किलो से अधिक धान लिया जा रहा है इससे किसानों को घाटा है. किसानों के हित में वादे करने वाली सरकार ही किसानों का शोषण कर रही है जो सही नही है.