मैहर : पुरानी रंजिश के चलते तीन हमलावरों ने हमला किया.इस घटना से न केवल पत्रकार जगत में आक्रोश व्याप्त है बल्कि आम नागरिकों के बीच भी पुलिस की सख्त कार्यवाही की माँग तेज हो गई है.
देर रात लगभग 12 बजे सोनू तिवारी माता देवी जी मंदिर से अपने घर लौट रहे थे.तभी हनुमान टोला के पास पहले से घात लगाए बैठे तीन आरोपियों ने उन पर अचानक हमला कर दिया। आरोपियों की पहचान नितेश गुप्ता, प्रदीप बेलदार और धर्मेंद्र मिश्रा के रूप में हुई है.हमलावरों ने पहले गाली-गलौज की और फिर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया, जिससे पत्रकार के सिर और पैर में गंभीर चोटें आईं.आसपास मौजूद लोगों ने घटना की
सूचना डायल 112 पुलिस को दी, जिसके बाद उन्हें
तत्काल अस्पताल पहुँचाया गया.प्राथमिक उपचार के
बाद पीड़ित ने मैहर थाने में पहुँचकर लिखित रिपोर्ट दर्ज
कराई. पीड़ित पत्रकार ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि आरोपी नितेश गुप्ता होटल व्यवसाय के नाम पर अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त था.उसी संबंध में समाचार प्रकाशित किए जाने पर उसने रंजिश पाल ली और अपने साथियों के साथ मिलकर हमला किया.
पुलिस ने इस गंभीर हमले को संज्ञान में लेते हुए आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296, 115(2), 351 (3) और 3 (5) के तहतप्रकरण दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है.इस घटना पर मैहर प्रेस क्लब ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
मैहर प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने कहा कि पत्रकार पर हमला लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है.यदि प्रशासन ऐसे मामलों में त्वरित और कड़ी कार्यवाही नहीं करता है तो समाज में अपराधियों के हौसले और बुलंद होंगे। प्रेस क्लब ने स्पष्ट किया है कि वे इस घटना को लेकर चुप नहीं बैठेंगे और शीघ्र ही पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की माँग करेंगे.
पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, और यदि इसी स्तंभ पर हमला होने लगे तो व्यवस्था का संतुलन बिगड़ना तय है। पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारों पर हमले की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं, चाहे वह आपराधिक गिरोह हों, भ्रष्टाचार से जुड़े तत्व हों या फिर अनैतिक कार्यों में लिप्त लोग। इस तरह की घटनाएँ लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरे की घंटी हैं.
मैहर में हुई यह घटना प्रशासन और सरकार दोनों के लिए एक गंभीर चुनौती है। यदि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो न केवल पत्रकारिता का मनोबल टूटेगा बल्कि आम जनता तक सच पहुँचाने का कार्य भी प्रभावित होगा.इसीलिए जरूरी है कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कठोर दंड दिया जाए ताकि भविष्य में कोई भी पत्रकार पर हमला करने की जुर्रत न कर सके.
इस समय पूरा पत्रकार समुदाय दीपक तिवारी के साथ खड़ा है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए एकजुट होकरखड़ा है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए एकजुट होकर आवाज बुलंद कर रहा है। अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन कितनी जल्दी आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुँचाता है और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है.पत्रकार सोनू तिवारी पर हमले की हम सब कड़े शब्दों में निंदा करते है साथ ही प्रशाशन से मांग करते है कि आरोपियों की गिरफ्तारी हो.
गिरफ्तारी न होने नान बेलेबल धाराओं में जांचों उपरांत धाराएं न बढ़ने पर पत्रकार करेंगे उग्र आंदोलन और प्रदर्शन। निश्चित रूप से निंदनीय मामला है एक पत्रकार ओर उनकी निष्पक्ष को कलम को दबाया गया ये कृत्य माफियाओं के हौसले को बुलंद करता है प्रशासन को त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार स्वीकार नहीं.