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क्या वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में ज्यादा किराए के चलते कम है यात्रियों की संख्या? अश्विनी वैष्णव ने दिया यह जवाब

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे अपने विशाल नेटवर्क के जरिए यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने और बुनियादी ढांचे को एडवांस करने पर तेजी से काम कर रहा है. इस संदर्भ में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने 2019 में देश की पहली स्वदेशी रूप से विकसित सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत की. तब से यह अत्याधुनिक ट्रेन रेल यात्रियों के बीच सबसे लोकप्रिय ट्रेनों में से एक बन गई है.

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वर्तमान में देश में कुल 136 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सर्विस पटरियों पर दौड़ रही हैं. इन ट्रेनों ने न केवल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाया है, बल्कि यात्रा के समय में भी कटौती की है. 2024 में रेल मंत्रालय ने देश भर में 46 से अधिक ऐसी ट्रेनें शुरू की हैं. इन सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों को तीन कोच कंपोजिशन में लॉन्च किया जा रहा है, जिनमें 8 कोच, 16 कोच और 20 कोच शामिल हैं.

वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया अन्य ट्रेनों की तुलना में अधिक क्यों है?
वंदे भारत एक्सप्रेस की टिकट की कीमत या किराया भारत में अन्य पैसेंजर या एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में ज्यादा है, क्योंकि इसमें एडवांस सिक्योरिटी फीचर्स और आधुनिक पैसेंजर सुविधाएं हैं, जो सफर के दौरान यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करती हैं.

ट्रेनों में यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा, एग्जिक्यूटिव क्लास में घूमने वाली सीटों के साथ आरामदायक बैठने की व्यवस्था, हार सीट के लिए मोबाइल चार्जिंग सॉकेट और अन्य सुविधाओं के अलावा हॉट केस के साथ एक मिनी पेंट्री की सुविधा उपलब्ध है.

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में क्यों कम सफर करते हैं यात्री?
क्या ज्यादा किराए के चलते लोग वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में कम सफर कर रहे हैं? यह सवाल तब उठा जब कई सांसदों ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के समक्ष इस मुद्दे को उठाया. जवाब में वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे में रिजर्व ट्रेन में यात्रियों की मांग साल भर एक जैसी नहीं रहती. उन्होंने कहा कि कम ठहराव और कम समय के साथ लोकप्रिय और सुविधाजनक समय पर चलने वाली ट्रेनों को आम तौर पर अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है.

वैष्णव ने हाल ही में लोकसभा में अपने बयान में कहा कि 2024-25 (अक्टूबर, 2024 तक) के दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की कुल व्यस्तता 100 प्रतिशत से अधिक है. भारतीय रेलवे में राज्यवार और ट्रेनवार औसत आय का रखरखाव नहीं किया जाता है.

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