अगर आप भी शेयर बाजार से कमाई करते हैं तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. दरअसल, दुनियाभर के शेयर बाजारों पर बड़ी गिरावट का खतरा मंडरा रहा है. इसको लेकर अब भारत में भी निवेशकों को चेतावनी दी गई है. एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर के शेयर बाजार में अगर गिरावट आई तो उसका असर भारत में भी होगा. बाजार को अगर कोई एक झटका लगा, तो जबरदस्त तबाही आ सकती है. आइए डिटेल में जानते हैं इसके बारे में…
दरअसल, वित्त मंत्रालय ने जारी अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में भी निवेशकों को आगाह किया है. मंत्रालय का कहना है कि आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट का जोखिम बढ़ रहा है. अगर वैश्विक बाजारों में बड़ी गिरावट होती है, तो इसका स्पिलओवर इफैक्ट भारतीय बाजार पर भी हो सकता है.
क्या है गिरावट का कारण?
ग्लोबल इकोनॉमी से लेकर राजनीतिक हालात के चलते बाजार में गिरावट का जोखिम बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका और चीन जैसे देशों की अर्थव्यवस्था की सुस्ती हो या पश्चिम एशिया और यूरोप में जारी युद्ध. सब मिलाकर वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों के प्रतिकूल माहौल बन रहा है. ग्लोबल माहौल में हलचल के चलते दुनियाभर के शेयर बाजार पर इसका असर पड़ सकता है.
वित्त मंत्रालय ने दी चेतावनी
मंत्रालय ने इस रिपोर्ट में कहा है कि कुछ देशों में अपनी मौद्रिक नीतियों में बदलाव किया है. यह नीतिगत बदलाव आने वाले दिनों में बाजार को बड़ी गिरावट के लिए प्रेरित कर सकता है. तमाम कारणों से पहले से ही जटिल और बेहद संवेदनशील वैश्विक राजनीतिक और वित्तीय हालात के बीच अगर कहीं भी यह जोखिम बढ़ा, तो इसका असर दुनिया के सभी बाजारों पर पड़ेगा. जाहिर है कि भारत भी इससे अछूता नहीं रह सकता है.
रिपोर्ट में बताया गया कि दुनिया के कई बड़े और विकसित देशों में मंदी का खतरा बढ़ रहा है. जियो पोलिटिकल टेंशन, दुनियाभर में ब्याज दरों में कटौती असल में आने वाले वक्त में बाजारों में गिरावट के बढ़ते जोखिम के संकेत हैं. हालांकि, मौजूदा समय में देश में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर फिलहाल सब ठीक है. लेकिन कुछ चुनौतियां भी बनी हुई हैं, जिन्हें नकारा नहीं जा सकता है. मसलन, अगर आने वाले दिनों में अगर देश के कुछ इलाकों में कृषि उत्पादन घटता है, तो इसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर चेन रिएक्शन के तौर पर हो सकता है.
इस बात का भी है डर
इसके साथ ही रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्सों को लेकर चिंता जताई गई है. रिपोर्ट में फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के द्वारा पैसेंजर व्हीकल सेल्स में नरमी और इन्वेंटरी बढ़ने के संकेतों का जिक्र किया गया है. इसके अलावा NielsenIQ के द्वारा पहली तिमाही में एफएमसीजी सेल्स में मंदी के आंकड़ों का भी उल्लेख है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही फेस्टिव सीजन की शुरुआत के साथ इनका असर बेहद सीमित हो जाए लेकिन इन संकेतों पर नजर बनाए रखने की जरूरत है.
इन निगेटिव संकेतों के साथ रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था को लेकर पॉजिटिव बातें भी कही गई हैं. जिसमें कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, खरीफ फसलों की बुवाई का पहले से ज्यादा बढ़ा एरिया और आने वाले रबी फसलों के लिए पानी की पर्याप्त मात्रा जैसी बातें शामिल हैं.