अयोध्या के राम मंदिर में मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने सोमवार को दावा किया था कि मंदिर की छत से पानी टपक रहा है. देखते ही देखते यह खबर हर जगह फैल गई. लोग मंदिर निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाने लगे. अब इस पर राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने सफाई दी है.
नृपेंद्र मिश्र ने कहा, ‘मैंने खुद मंदिर की पहली मंजिल से बारिश का पानी टपकते हुए देखा है. इसके पीछे वजह यह है कि अभी मंदिर की दूसरी मंजिल पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिससे इसकी छत पूरी तरह खुली है. इसलिए वहां पानी भर गया और छत से नीचे भी टपका. इस तरह खुले फर्श पर पानी टपक सकता है. लेकिन अगले महीने के अंत तक दूसरी मंजिल की छत बंद हो जाएगी. इससे यह समस्या नहीं होगी.’
गर्भगृह में भरे हुए पानी को लेकर नृपेंद्र मिश्र ने कहा- गर्भगृह में जल निकासी नहीं है, इसलिए पानी को मैन्यूअली ही अवशोषित किया जाता है. बाकी सभी मंडपों में ढलान भी है और निकासी की व्यवस्था भी है. इसलिए वहां पानी एकत्रित नहीं हो रहा. लेकिन यहां पानी जमा हो जा रहा है. उन्होंने कहा- मंदिर निर्माण समिति करोड़ों रामभक्तों को आश्वस्त करना चाहती है कि मंदिर निर्माण में कोई खामी नहीं है और न ही कोई लापरवाही बरती गई है.
आचार्य सत्येंद्र दास का दावा
सोमवार को मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने निर्माण कार्य में लापरवाही का आरोप लगाया था. दावा किया यह दूसरी बार है जब मंदिर की छत से पानी टपक रहा है. पहली बारिश में भी मंदिर की छत से पानी का रिसाव हुआ था. उस समय भी उन्होंने विरोध किया तो पानी की निकासी हुई थी. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि राम लला के भव्य और दिव्य मंदिर के निर्माण में देश के नामचीन इंजीनियर लगे हैं, बावजूद इसके यह हाल है. मंदिर की छत से पानी का टपकना हैरानी की बात है. हालांकि, आचार्य सत्येंद्र दास के विरोध के बाद ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इंजीनियरों और अधिकारियों के साथ बैठक की और समस्या के समाधान को लेकर विमर्श किया गया.
राम पथ की सड़क भी धंसने लगी
उधर, प्री मानसून की हल्की बारिश में ही राम पथ की सड़क भी धंसने लगी है. सहादतगंज से नया घाट तक लगभग साढे़ 13 किलोमीटर लंबी इस सड़क का काम हाल ही में पूरा हुआ है. इन जगहों पर गहरे गड़ढे हो गए थे. हालांकि सहादतगंज हनुमानगढ़ी, रिकाबगंज आदि स्थानों पर सड़क धंसने वाली जगह पर पीडब्ल्यूडी ने गिट्टी और मिट्टी डाल कर निर्माण कार्य में हुई अनियमितता पर पर्दा डालने की कोशिश की है. इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के अधिकारी डीबी सिंह से फोन पर बात की तो उन्होंने जवाब देने के बजाय कहा कि वह मीटिंग में हैं.