महाराष्ट्र सरकार ने सांगली जिले के इस्लामपुर का नाम बदलकर ‘ईश्वरपुर’ कर दिया है. महायुति सरकार के इस फैसले पर प्रदेश की राजनीति में घमासान तेज हो गया है. एक तरफ सत्ता पक्ष इसे ‘हिंदुत्व की जीत’ बता रहा है तो दूसरी ओर विपक्ष सरकार पर विकास से ध्यान भटकाने का आरोप लगा रहा है.
‘नाम बदलो लेकिन शहर की हालत भी तो सुधारे’
कांग्रेस विधायक असलम शेख ने सरकार की आलोचना की और कहा, नाम बदलना है तो बदलिए लेकिन शहर में कुछ विकास तो करिए. शहर में सड़क और पानी की भारी समस्या है लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं देता. सिर्फ लोगों को मूर्ख बनाते हैं नाम बदलकर.
‘हम अपने अतीत को बहाल कर रहे हैं’
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नाम बदलने के फैसले को ऐतिहासिक सुधार करार दिया. उन्होंने कहा, ऐसे बहुत सारे स्थान पहले भी बदले गए हैं. हमारे ऐतिहासिक स्थानों के नाम मिटा दिए गए थे. अब उन्हें वही नाम मिल रहे हैं जो पहले थे. ये अच्छा काम है, हम अपने अतीत का पुनर्स्थापन कर रहे हैं.
‘जनता नाम नहीं, काम चाहती है’
एनसीपी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ विधायक जयंत पाटिल ने कहा, प्रशासन को ऊपर से ऑर्डर आया होगा नाम बदलने का. लेकिन नाम बदलने से क्या होगा? शहर में समस्याएं जस की तस हैं. जनता अब सिर्फ नाम बदलने से खुश नहीं होगी.