गाजा के अल नुसीरत में इजरायली सेना ने एक स्कूल को निशाना बनाते हुए जबरदस्त हवाई हमला किया है. इस हमले में करीब 16 लोगों की मौत हो गई है. 50 से ज़्यादा लोग घायल हैं. इजरायल की दलील है कि उन्होंने आतंकवादियों को निशाना बनाया है. जबकि उस स्कूल में ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे शरण लिए हुए थे. स्कूल पूरी तरह मलबे में तब्दील हो चुका है. वहां मौजूद गाड़ियों के पखच्चे उड़ चुके हैं.
फ़िलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने एक वीडियो जारी किया है. इसमें सभी घायलों को पैरामडिकल अस्पताल में भर्ती कराते दिखाया गया है. मरने वालों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हमले के बाद कि ये नागरिक स्कूल था, जिसे निशाना बनाया गया. इसे लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता था. यहां हमला नहीं होना चाहिए था. हमने बच्चों के शवों को देखा है, जो वहां खेल रहे थे.
इस हमले के बाद इजरायल का कहना है कि उन्होंने आतंकवादियों को निशाना बनाया है. गाजा में इजरायली सेना के हमले लगातार जारी हैं. इसका विरोध भी दुनियाभर में लगातार हो रहे हैं. जॉर्डन की राजधानी अम्मान और ब्रिटेन की राजधानी लंदन से भी प्रदर्शन की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. वहां इज़रायल के खिलाफ हजारों लोगो ने प्रदर्शन किया, जिसमें लेबर पार्टी के पूर्व नेता भी शामिल हुए.
जॉर्डन की राजधानी अम्मान में भी हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया. अपनी सरकार से इजरायल के साथ वादी अरबा समझौते को रद्द करने की मांग की है. इसके साथ ही सब्ज़ियां और दूसरे सामान ले जाने वाली लाइन को भी बंद करने की मांग की है. इजरायल के तेल अवीव में भी शनिवार को बंधकों की रिहाई के लिए लोग इकट्ठा हुए और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.
हमास और इजरायल के बीच संघर्ष को 9 महीने पूरे हो गए हैं, लेकिन सुरते हाल जस की तस है. हमेशा की तरह तेल अवीव में सैकड़ों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए. सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे थे. सड़क पर आगजनी कर अपना आक्रोश ज़ाहिर कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और पुरज़ोर तरीके से उन पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया.
गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग में सीजफायर की उम्मीद एक बार फिर बढ गई है. इजरायल के बाद हमास ने भी अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. इस प्रस्ताव के तहत सीजयफायर तीन चरणों में होगा. जो दोनों पक्षों से प्रस्ताव की शर्तों को “बिना देरी और बिना शर्त” लागू करने का आग्रह करता है. इसे इजरायल ने पहले ही स्वीकार कर लिया था, लेकिन हमास सहमत नहीं था.
इस प्रस्ताव के पहले चरण में महिलाओं, बुजुर्गों और घायलों सहित बंधकों की रिहाई, फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली, आबादी वाले इलाकों से इज़रायली सेना की वापसी, उत्तर समेत पूरे एन्क्लेव में फिलिस्तीनियों की घर वापसी और बड़े पैमाने पर मानवीय मदद सहित पूर्ण युद्ध विराम शामिल है. दूसरे चरण में गाजा में बंधको की रिहाई के बदले दुश्मनी का पूरी तरह खात्मा और गाजा से इज़रायली सेना की पूर्ण वापसी होगी.
तीसरे चरण में गाजा के लिए बहु-वर्षीय पुनर्निमाण योजना शुरू होगी. गाजा पट्टी में बंधकों के शवों को इज़रायल को सौंपा जाएगा. इस प्रस्ताव पर पहले हमास की मांग थी कि समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले इजरायल पहले एक स्थायी युद्धविराम के लिए प्रतिबद्ध हो, लेकिन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा था कि वो किसी भी शर्त पर गाजा में हमास को खत्म किए बिना अपनी सेना वापस नहीं बुलाएंगे.