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एयरस्ट्राइक, कमांडो ऑपरेशन करने सीरिया में घुसी इजरायली फोर्स.. ईरानी अफसरों को उठा ले गए

इजरायली कमांडो फोर्स ने सीरिया में मौजूद ईरानी अफसरों को किडनैप कर लिया. ये हमला 9 सितंबर का है. सीरिया के मसयफ और हामा इलाके में ईरान समर्थित आतंकी समूहों के लोग रहते हैं. यहीं पर ईरान के अफसर आए हुए थे. इजरायल ने पहले एयरस्ट्राइक की. फिर ग्राउंड ऑपरेशन किया. इसके बाद मिसाइल अटैक. सीरिया टीवी ने इस हमले का पूरा ग्राफिकल वीडियो बनाया है… यहां नीचे आप देखिए Video

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इजरायली कमांडों ने मसयफ के साइंटिफिक रिसर्च सेंटर को उड़ा दिया. शेख घदबान इलाके को बर्बाद कर दिया. मसयफ और वादी अल-यून के बीच की सड़क बर्बाद कर दी. इस हमले से मसयफ और हामा इलाके के 10 बिल्डिंग ब्लॉक्स पूरी तरह से खत्म हो गए. इस हमले में ही इजरायली कमांडों ने दो से चार ईरानी अफसरों को भी उठा लिया.

हमला पहले फाइटर जेट्स से किया गया. मसयफ और हामा में तबाही मचाने के बाद हेलिकॉप्टर से ग्राउंड ऑपरेशन किया गया. एक हेलिकॉप्टर से कमांडो उतरे. उन्होंने ईरानी अफसरों को यंत्रों और दस्तावेजों के साथ उठाया. ये सभी लोग मसयफ के साइंटिफिक रिसर्च सेंटर में थे. कमांडो ने सेंटर के गार्ड को मारा.

किडनैप किए गए ईरानी अफसर असल में एक्सपर्ट्स हैं

माना जाता है कि ये ईरानी अफसर अलग-अलग चीजों के एक्सपर्ट हैं. जिस सेंटर से इन्हें इजरायली कमांडो ने उठाया है, वो एक केमिकल रिसर्च सेंटर है. जिसका इस्तेमाल ईरान और सीरिया दोनों मिलकर करते हैं. इस इलाके में अक्सर सीरियाई सरकार के अधिकारियों और ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड के अफसरों की मीटिंग होती है.

मसयफ-हामा में मिलिट्री लॉकडाउन, इस साल 43 एयरस्ट्राइक

इस हमले के बाद इस इलाके में बहुत ही ज्यादा टाइट सिक्योंरिटी रखी गई है. इलाके को लॉकडाउन में डाल दिया गया है. इस साल सीरिया में मौजूद ईरान के समर्थन वाले आतंकी समूहों पर इजरायल ने 43 एयरस्ट्राइक किए हैं. सबसे घातक हमला 9 सितंबर 2024 का था. जिसमें 15 मिलिट्री साइ्टस को टारगेट बनाया गया. 18 लोग मारे गए और 37 जख्मी हैं.

रिसर्च सेंटर में बनते थे ड्रोन्स और रॉकेट्स

कहा जा रहा है कि मसयफ और हामा के ये रिसर्च सेंटर असल में ड्रोन्स और रॉकेट बनाने के काम आते थे. सीरिया में इससे पहले इजरायल ने 1 अप्रैल 2024 को दमिश्क में हमला किया था. उसमें ईरान के दो जनरल मारे गए थे. उनके साथ पांच और लोग भी मारे गए थे. इससे पहले 7 अक्टूबर 2023 में इजरायल ने ईरान के सीनियर मिलिट्री अफसरों को निशाना बनाना शुरू किया था.

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