इजराइल सेना (IDF) ने सोमवार को दावा किया कि उसके 50 से अधिक लड़ाकू विमानों ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर तेहरान में ईरान के आंतरिक सुरक्षा बलों और ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) से संबंधित प्रमुख कमांड सेंटरों और संपत्तियों पर हवाई हमले किए. आईडीएफ ने बताया कि ये ताजा हवाई हमले ईरानी शासन की सैन्य क्षमताओं को नुकसान पहुंचाने के लिए तेहरान क्षेत्र में ईरान के सैन्य मुख्यालय, मिसाइल और रडार प्रोडक्शन साइट और मिसाइल स्टोरेज को निशाना बनाकर किए गए.
आईडीएफ ने कहा कि उसने ईरानी शासन के कई सैन्य मुख्यालयों पर हमला किया है, जिसमें ‘थरल्लाह’ मुख्यालय भी शामिल है, जो रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का जनरल हेडक्वार्टर है, जिसे तेहरान को आंतरिक खतरों सहित अन्य सुरक्षा खतरों से बचाने के लिए बनाया गया है. इसके अलावा, इजरायली लड़ाकू विमानों ने ‘सैयद अल-शहादा’ ब्रिगेड पर भी बमबारी की, जो रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के अधीन आता है और ईरान की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है.
आईडीएफ ने कहा कि उसने ईरानी शासन की सैन्य क्षमताओं पर अपने हमले तेज कर दिए हैं और इजरायल की सुरक्षा बनाए रखने के लिए कार्रवाई जारी रखेगा. हमले के तहत आईआरजीसी के केंद्रीय सशस्त्र ठिकानों में से एक, ‘बसीज हेडक्वार्टर’ को निशाना बनाया गया. अपने अन्य कार्यों के साथ-साथ, यह मुख्यालय इस्लामी कानून को लागू करने और इनका उल्लंघन करने वाले नागरिकों की रिपोर्ट अधिकारियों को देने के लिए जाना जाता है. इजरायली एयर स्ट्राइक में अल्बोरज कोर को भी नुकसान पहुंचा, जो तेहरान के आसपास के शहरों को विभिन्न खतरों से बचाने तथा शासन की स्थिरता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है.
इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरान के आंतरिक सुरक्षा बलों के अंतर्गत आने वाले इंटेलिजेंस और जनरल सिक्योरिटी पुलिस को भी निशाना बनाया, जो ईरानी शासन के सैन्य बलों का ही हिस्सा हैं. इन लक्ष्यों पर हमला करने से ईरानी शासन की सैन्य क्षमताओं और नियंत्रण स्थापित करने की उसकी क्षमता को नुकसान पहुंचा है, क्योंकि इन कमांड सेंटरों का महत्वपूर्ण सैन्य प्रभाव होता है. आईडीएफ ने यह भी दावा किया कि उसकी एयरफोर्स ने पश्चिमी, मध्य और पूर्वी ईरान में छह हवाई अड्डों पर हमला किया, जिससे रनवे, अंडरग्राउंड हैंगर, ईंधन भरने वाले विमान, एफ-14, एफ-5 और एएच-1 विमान नष्ट हो गए.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा था कि ईरान के खिलाफ इजरायल अपने सैन्य अभियान को और तेज करेगा. उन्होंने कहा था, ‘ईरान और गाजा दोनों में इजरायल पूरी ताकत से काम करना जारी रखेगा.’ नेतन्याहू ने कहा, ‘हम अपने लक्ष्य हासिल करने से पहले इस ऐतिहासिक अभियान को नहीं रोकेंगे.’ कई रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले के एक दिन बाद, ईरानी संसद ने दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण ऑयल इम्पोर्ट ट्रांजिट चोकपॉइंट्स में से एक, होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने के समर्थन में मतदान किया. हालांकि, इस स्ट्रेट को बंद करने का कोई भी अंतिम निर्णय ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद पर निर्भर करता है.